नए परिसीमन से मुसलमानों में खलबली- छिना चुनाव लड़ने का अधिकार

नए परिसीमन से मुसलमानों में खलबली- छिना चुनाव लड़ने का अधिकार

नई दिल्ली। सरकार की ओर से संपन्न कराई गई लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद तैयार हुए मसौदे को लेकर अब मुस्लिम समुदाय में बुरी तरह से खलबली मच गई है। परिसीमन के अंतिम मसौदे के मुताबिक कई विधानसभा एवं लोकसभा क्षेत्रों के क्षेत्रफल में कटौती करते हुए कई क्षेत्रों को समाप्त कर दिया गया है। असेंबली की कई सीटें एससी एसटी के लिए आरक्षित कर दिए जाने से मुस्लिमों के इलेक्शन लड़ने का अधिकार खत्म हो गया है।

दरअसल वर्ष 1976 के बाद असम में राज्य सरकार की ओर से 14 लोकसभा एवं 126 विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन कराया गया है। शुक्रवार को समाप्त हुई इस प्रक्रिया के अंतिम मसौदे में सामने आई जानकारी के मुताबिक कई विधानसभा एवं लोकसभा क्षेत्रों के इलाकों में कटौती कर दी गई है जबकि कई क्षेत्रों को खत्म करते हुए असेंबली की कई सीटें एससी एसटी के लिए आरक्षित कर दी गई है।


अंतिम परिसीमन मसौदे के मुताबिक असम के पांच विधानसभा क्षेत्र जहां हमेशा अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ही विधायक चुने जाते रहे, उन्हें अब नये परिसीमन में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। जिससे यह बात पूरी तरह से साफ हो गई है कि अब इन सीटों पर मुस्लिम समुदाय के लोग इलेक्शन लड़ने के पात्र नहीं रहे हैं। इसके अलावा एसटी के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 16 से बढ़कर अब 19 कर दी गई है जबकि एससी के लिए आरक्षित सीटे 6 से बढ़कर आठ हो गई है। परिसीमन के अंतिम मसौदे का अब विरोध तेज हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल असम गण परिषद के वरिष्ठ नेता एवं आमगुरी के विधायक प्रदीप हजारिका ने मसौदे के विरोध में पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। क्योंकि इस्तीफा देने वाले हजारिका अमगुरी निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल करते आ रहे थे, नए परिसीमन में उनकी सीट को खत्म कर दिया गया है।

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