नेता ने छोडी पार्टी-कांग्रेस को बताया बिना पतवार की नाव
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों व केंद्रीय सत्ता से पिछले काफी समय से बेदखल चल रही कांग्रेस की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। चुनावी माहौल के बीच केरल में पार्टी के प्रमुख नेता पीसी चाको ने पार्टी से नाता तोड़ते हुए अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना त्यागपत्र भेज दिया है। केरल में आगामी 6 अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले चाको का इस्तीफा कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
बुधवार को केरल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने पार्टी से अपना नाता तोड़ने की घोषणा करते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना त्यागपत्र भेज दिया। पार्टी को बाय-बाय कहने वाले वरिष्ठ नेता पीसी चाको पिछले साल से ही पार्टी से असंतुष्ट चल रहे थे। पीसी चाको कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं और वह मंत्री भी रह चुके हैं। दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी पर देखना चाहते थे।
उन्होंने कई बार इसके लिए खुलकर भी कहा कि राहुल गांधी की ओर से जिम्मेदारी नहीं संभाले जाने की वजह से पार्टी को भारी नुकसान हो रहा है। बुधवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व महासचिव पीसी चाको ने कहा कि एक ईमानदार कांग्रेसी कार्यकर्ता के लिए सरवाइव करना बहुत मुश्किल हो गया है। मेरिट कोई चिंता की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस समय बिना पतवार की नाव है।
पिछले 1 साल से भी अधिक समय से पार्टी को स्थाई अध्यक्ष नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि मैं पिछले कई दिनों से इस फैसले पर विचार विमर्श कर रहा था। मैं केरल से आता हूं जहां कांग्रेस पार्टी नाम की चीज नहीं है वहां जो पार्टियां हैं कांग्रेश आई और कांग्रेस ए दोनों पार्टियों की कोआर्डिनेशन कमेटी केपीसीसी के रूप में काम कर रही है। पीसी चाको ने केरल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं रमेश चेन्निथला और ओमान चांडी पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि दोनों ही नेता हमेशा सीटे और संगठन के पद आपस में बांट लेते हैं। उन्होंने कहा कि केरल में केवल उन नेताओं का भविष्य है जो इन दोनों में से किसी एक ग्रुप का हिस्सा है। अन्य को हमेशा दरकिनार किया जाता है। उन्होंने कहा कि केरल में एक अहम चुनाव है। लोग चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी वापस सत्ता में आए। लेकिन यहां पार्टी के बड़े नेताओं में गुटबाजी है। मैं हाईकमान से कहता आ रहा हूं कि इस पर रोक लगनी चाहिए। लेकिन आलाकमान भी इन समूह के दिए प्रस्ताव से सहमत है।