जगी आस-बॉर्डर खुलवाने को सरकार और किसानों में बातचीत शुरू

जगी आस-बॉर्डर खुलवाने को सरकार और किसानों में बातचीत शुरू

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन के चलते पिछले 11 महीने से बंद टीकरी बॉर्डर को खुलवाने के लिए हरियाणा राज्य सरकार की हाई पावर कमेटी और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत शुरू हो गई है। बैठक में एसकेएम के प्रतिनिधि और उद्यमियों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की कमेटी शामिल हुई है। बातचीत के तहत अब दोनों पक्षों ने रास्ता खोलने की संभावनाएं तलाशने के लिए टीकरी बॉर्डर का दौरा दौरा किया है। इसके बाद बातचीत का दूसरा दौर शुरू किया जाएगा।

मंगलवार को पिछले तकरीबन 11 महीने से बंद चल रहे टीकरी बॉर्डर के एक बार फिर से खुलने की आशाएं लोगों के भीतर जाग उठी है। किसान आंदोलन के कारण पिछले 11 महीने से बंद टीकरी बॉर्डर को खुलवाने के लिए राज्य सरकार की हाई पावर कमेटी और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के बीच आज बहादुरगढ़ में बातचीत शुरू हुई है। बैठक आरंभ होने से पहले मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए किसान नेता अमरीक सिंह ने कहा है कि नये कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन करने के लिये हम राजधानी दिल्ली जा रहे थे। जंतर मंतर पर किसान धरना देना चाहते थे। लेकिन सरकार ने हमारे दिल्ली पहुंचने के रास्ते रोक दिए। जिन्हें अभी तक भी सरकार ने बंद कर रखा है। रास्तों को खोलना और बंद करना सरकार का ही काम है। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, डीजीपी अग्रवाल, रोहतक रेंज के आईजी पुलिस संदीप खिरवार और झज्जर एवं सोनीपत जिला प्रशासन के अधिकारी किसान प्रतिनिधियों के साथ हो रही बैठक में मौजूद हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की टीकरी बॉर्डर कमेटी की तरफ से अमरीक सिंह व कुलवंत सिंह मौलवीवाला समेत छह किसान नेता आंदोलनकारियों का पक्ष सरकार के साथ हो रही बैठक में रख रहे हैं। टीकरी बॉर्डर बंद होने से बहादुरगढ़ के उद्योगों को हर रोज करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए उद्यमी भी बैठक में अपनी समस्याएं रख रहे हैं। वह किसान नेताओं के समक्ष अपना दुखड़ा सुनाते हुए अपनी परेशानियों को उजागर करेंगे। उद्यमियों के प्रतिनिधियों के रूप में बहादुरगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव सुभाष जग्गा और नरेंद्र चिकारा समेत कई उद्यमी बैठक में शामिल हो रहे हैं।नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन के चलते पिछले 11 महीने से बंद टीकरी बॉर्डर को खुलवाने के लिए हरियाणा राज्य सरकार की हाई पावर कमेटी और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत शुरू हो गई है। बैठक में एसकेएम के प्रतिनिधि और उद्यमियों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की कमेटी शामिल हुई है। बातचीत के तहत अब दोनों पक्षों ने रास्ता खोलने की संभावनाएं तलाशने के लिए टीकरी बॉर्डर का दौरा दौरा किया है। इसके बाद बातचीत का दूसरा दौर शुरू किया जाएगा।

मंगलवार को पिछले तकरीबन 11 महीने से बंद चल रहे टीकरी बॉर्डर के एक बार फिर से खुलने की आशाएं लोगों के भीतर जाग उठी है। किसान आंदोलन के कारण पिछले 11 महीने से बंद टीकरी बॉर्डर को खुलवाने के लिए राज्य सरकार की हाई पावर कमेटी और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के बीच आज बहादुरगढ़ में बातचीत शुरू हुई है। बैठक आरंभ होने से पहले मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए किसान नेता अमरीक सिंह ने कहा है कि नये कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन करने के लिये हम राजधानी दिल्ली जा रहे थे। जंतर मंतर पर किसान धरना देना चाहते थे। लेकिन सरकार ने हमारे दिल्ली पहुंचने के रास्ते रोक दिए। जिन्हें अभी तक भी सरकार ने बंद कर रखा है। रास्तों को खोलना और बंद करना सरकार का ही काम है। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, डीजीपी अग्रवाल, रोहतक रेंज के आईजी पुलिस संदीप खिरवार और झज्जर एवं सोनीपत जिला प्रशासन के अधिकारी किसान प्रतिनिधियों के साथ हो रही बैठक में मौजूद हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की टीकरी बॉर्डर कमेटी की तरफ से अमरीक सिंह व कुलवंत सिंह मौलवीवाला समेत छह किसान नेता आंदोलनकारियों का पक्ष सरकार के साथ हो रही बैठक में रख रहे हैं। टीकरी बॉर्डर बंद होने से बहादुरगढ़ के उद्योगों को हर रोज करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए उद्यमी भी बैठक में अपनी समस्याएं रख रहे हैं। वह किसान नेताओं के समक्ष अपना दुखड़ा सुनाते हुए अपनी परेशानियों को उजागर करेंगे। उद्यमियों के प्रतिनिधियों के रूप में बहादुरगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव सुभाष जग्गा और नरेंद्र चिकारा समेत कई उद्यमी बैठक में शामिल हो रहे हैं।



Next Story
epmty
epmty
Top