कोर्ट की सुप्रीम दो टूक-बोर्ड परीक्षा को लेकर 1 भी बच्चे की मौत हुई तो..
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की भयावह होती दूसरी लहर की रफ्तार के बावजूद भी आंध्र प्रदेश में 12वीं की परीक्षा अभी तक रद्द न किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एक भी छात्र की मौत होती है तो उसे 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देना होगा।
बृहस्पतिवार को केंद्र और देश की अन्य राज्य सरकारों की ओर से 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द किए जाने के बावजूद भी आंध्र में परीक्षाएं करवाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए हैं। जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश महेश्वरी की पीठ ने कहा हैं कि अगर एक भी छात्र की मौत होती है तो हम एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश देंगे। उच्चतम न्यायालय ने कहा हैं कि जब देश के बाकी बोर्ड 10वीं और बारहवीं की परीक्षा रद्द कर चुके हैं तो आंध्र प्रदेश क्यों खुद को अलग दिखाना चाहता है।'उच्चतम न्यायालय ने कहा कि ऐसे कई राज्य हैं जो मरने वालों के परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजा राशि दे रहे हैं। हम आंध्र प्रदेश के लिए भी यही राशि तय करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट राज्य में बोर्ड परीक्षा रद्द किए जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह उन सरकारी या निजी संस्थाओं के नाम बताए जिन्होंने महामारी के बीच भी परीक्षा कराए जाने का फैसला लिया है। कोर्ट ने सरकार से यह भी बताने को कहा है कि क्या फैसला लेने से पहले सभी पक्षों से बातचीत की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह यह बताए कि सिर्फ 34 हजार कमरों में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कैसे 5.2 लाख बच्चों को बैठाया जाएगा।