रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तीन खनिजों की रॉयल्टी दर को मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तीन खनिजों लिथियम, नायोबियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई) के संबंध में रॉयल्टी की दर तय करने के लिए खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की दूसरी अनुसूची में संशोधन को बुधवार को मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 हाल ही में संसद द्वारा पारित किया गया था और यह 17 अगस्त, 2023 से लागू हो गया है। संशोधन के जरिये अन्य बातों के अलावा, लिथियम और नायोबियम सहित छह खनिजों को परमाणु खनिजों की सूची से हटा दिया गया है, जिससे नीलामी के माध्यम से निजी क्षेत्र को इन खनिजों के लिए रियायतें देने की अनुमति मिल जाएगी। इसके अलावा, संशोधन में प्रावधान किया गया है कि लिथियम, नायोबियम और आरईई (यूरेनियम और थोरियम रहित) के साथ 24 महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों (जो अधिनियम की पहली अनुसूची के भाग डी में सूचीबद्ध हैं) के खनन पट्टे और समग्र लाइसेंस की नीलामी केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।
रॉयल्टी की दर के मामले में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से केंद्र सरकार देश में पहली बार लिथियम, नायोबियम और आरईई के लिए ब्लॉकों की नीलामी करने में सक्षम होगी। ब्लॉकों की नीलामी में बोलीकर्ताओं के लिए खनिजों पर रॉयल्टी दर एक महत्वपूर्ण वित्तीय पक्ष है। इसके अलावा, इन खनिजों के औसत बिक्री मूल्य की गणना के लिए खान मंत्रालय द्वारा प्रणाली भी तैयार की गई है, जो बोली मापदंडों के निर्धारण को सक्षम करेगी।
अधिनियम की दूसरी अनुसूची विभिन्न खनिजों के लिए रॉयल्टी दरें तय करती है। दूसरी अनुसूची की मद संख्या 55 में यह प्रावधान है कि जिन खनिजों की रॉयल्टी दर विशेष रूप से उपलब्ध नहीं की गई है, उनके लिए रॉयल्टी दर औसत बिक्री मूल्य का 12 प्रतिशत होगी। इस प्रकार, यदि लिथियम, नायोबियम और आरईई के लिए रॉयल्टी दर विशेष रूप से उपलब्ध नहीं की जाती है, तो उनकी डिफ़ॉल्ट रॉयल्टी दर औसत बिक्री मूल्य का 12 प्रतिशत होगी। यह अन्य महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की तुलना में काफी अधिक है। साथ ही, 12 प्रतिशत की यह रॉयल्टी दर अन्य खनिज उत्पादक देशों के बराबर नहीं है। इस प्रकार, लिथियम, नायोबियम और आरईई की उचित रॉयल्टी दर निम्नानुसार निर्दिष्ट करने का निर्णय लिया गया है: लिथियम - लंदन मेटल एक्सचेंज मूल्य का तीन प्रतिशत, नायोबियम - औसत बिक्री मूल्य का तीन प्रतिशत (प्राथमिक और द्वितीयक स्रोतों दोनों के लिए), आरईई- रेयर अर्थ ऑक्साइड के औसत बिक्री मूल्य का एक प्रतिशत