हाथरस घटना पर राजनेता के विश्वसनीय बोल- सच्चाई आएगी सामने 'सत्यमेव जयते'
लखनऊ। कुंडा विधायक राजा भैया ने हाथरस गैंगरेप में सियासत की रोटियां सेकने वाले अन्य दलों की अपेक्षा हाथरस प्रकरण पर निष्पक्ष ट्वीट कर सीबीआई जांच पर सवाल उठाने वालों पर प्रहार किया है। यह ट्वीट राजा भैया ने 11 अगस्त 2020 के लंबे अंतराल के बाद किया है।
प्रतापगढ़ के कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैय्या ने हाथरस की घटना पर ट्वीट करते हुए कहा कि इस घटना पर सभी सहमत हैं। स्थानीय प्रशासन ने इस घटना पर असंवेदनशीलता से काम किया है। उन्होंने लिखा कि अब सरकार ने सीबीआई जांच के लिए भारत सरकार से अनुरोध कर दिया है । मुझे आश्चर्य हो रहा है कि कई लोग के पेट में सीबीआई जांच से दर्द क्यूं हो रहा है । उन्होंने कहा समय के साथ सच्चाई सामने आएगी " सत्यमेव जयते"
हम सभी सहमत हैं कि हाथरस काण्ड में स्थानीय प्रशासन ने असंवेदनशीलता बरती, पर आश्चर्य है कि CBI जाँच के निर्णय से कई लोगों के पेट में दर्द शुरू हो गया है।समय के साथ सच्चाई सामने आयेगी, सत्यमेव जयते 🙏🏼
— Raja Bhaiya (@Raghuraj_Bhadri) October 4, 2020
आपको बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में राजा भैया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नज़दीकियां भी देखने को मिली हैं। कई मौकों पर मुख्यमंत्री और राजा भैया को साथ बतियाते देखा गया है। हाथरस प्रकरण के इन हालात पर भी राजा भैया का ट्वीट कहीं ना कहीं प्रदेश सरकार के प्रति उनके विश्वास को दिखाता है। बिना किसी दल का नाम लिए उन्होंने सब बात कह दी और यही एक राजनेता की विश्वसनीयता भी है कि वह न्याय के पथ पर निष्पक्ष बात करें।
गौरतलब है कि बाहुबली राजनेता रघुराज प्रताप सिंह अपने परिवार के पहले ऐसे सदस्य थे जिन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। राजा भैया 1993 और 1996 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी समर्थित, तो 2002 और 2007 के चुनाव में एसपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए। राजा भैया, बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार और एसपी की मुलायम सिंह सरकार में भी मंत्री बने।
पिछले चुनाव में राजा भैया से करीब 50 हजार मतों से हारने वाले शिव प्रकाश मिश्र को बहुजन समाज पार्टी ने कुंडा से एक बार फिर मैदान में उतारा था लेकिन यह उनके लिए कोई नफे का सौदा नहीं रह पाया। वहीं बीजेपी ने त्रिभुवन नाथ मिश्र और कांग्रेस ने रमाशंकर यादव को उम्मीदवार बनाया था जोकि कहीं आस पास भी नहीं ठहरे।
नए परिसीमन का भी राजा भैया पर कोई खास असर पड़ता नहीं दिखा। नए परिसीमन में कुंडा सीट के कुछ क्षेत्र कट गए हैं और नई सीट में पड़ोस की बाबागंज विधानसभा का कुछ हिस्सा शामिल हो गया है। बाबागंज विधानसभा क्षेत्र को राजा भैया के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है क्योंकि पिछले तीन चुनावों से लगातार वहां राजा भैया समर्थित उम्मीदवार ही जीत दर्ज करता आ रहा है।
राजा भैया के बच्चों के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ