एक महीने में शुरू कर वेद अध्यापकों की जायेगी नियमित भर्ती -कल्ला
जयपुर। राजस्थान के संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने आज विधानसभा में आश्वस्त किया प्रदेश के संस्कृत महाविद्यालयों एवं जगदगुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में आगामी एक महीने में वेदों के अध्यापन के लिए वेद अध्यापकों के सेवा नियम तथा रोस्टर प्रणाली लागू कर नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।
डॉ. कल्ला ने प्रश्नकाल में विधायकों के पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि यह सही है कि संस्कृत विश्व विद्यालय एवं संस्कृत महाविद्यालयों में वेदों का अध्यापन कराने के लिए व्याख्याता, एसोसिएट प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर एवं प्रोफेसर की नियमित भर्ती नहीं की गई है लेकिन संस्कृत शिक्षा एवं वेदाें का अध्ययन प्रभावित नहीं हो इसके लिए हमने विद्या सम्बल योजना के तहत लेक्चरर को 20 हजार रूपये, एसोसिएट प्रोफेसर को 40 हजार रूपये एवं प्रोफेसर को 50 हजार रूपये मासिक दिये जा रहे है।
उन्होंने कहा कि यह सही है कि संस्कृत शिक्षा एवं वेदों के अध्ययन के लिए सेवा नियम 1978 में बने थे, लेकिन उसके बाद आज तक इस क्षेत्र में कोई कार्य नहीं हुआ है। डॉ. कल्ला ने कहा कि संस्कृत शिक्षा एवं वेदों का हमारे समाज में महत्वपूर्ण स्थान है और हम वेदों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए हर सम्भव प्रयास सुनिश्चित करेंगें। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि संस्कृत महाविद्यालयों में रिक्त पदों को राजस्थान लोकसेवा आयोग के माध्यम से भरा जायेगा।
डॉ. कल्ला ने विगत पांच वर्षाे में वरिष्ठ उपाध्या्य, शास्त्री एवं आचार्य स्तर पर वेदों का अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों का जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया निदेशालय संस्कृत शिक्षा के अन्तर्गत उपाध्याय, शास्त्री एवं आचार्य स्तर की शैक्षणिक संस्थाओं में वेद शाखा के अन्तर्गत शुक्ल यजुर्वेद, अथर्ववेद, सामवेद, ऋग्वेद का अध्यापन करवाया जा रहा है। उन्होंने निदेशालय संस्कृत शिक्षा के अधिनस्थ् विद्यालय, महाविद्यालय में वेद के अध्यापन के लिए शिक्षकों के स्वीकृत एवं रिक्त पदों का विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने कहा कि संस्कृत महाविद्यालय सेवा नियम प्रक्रियाधीन है तथा सेवा नियम जारी होने पर महाविद्यालय के रिक्त पदों को भरा जा सकेगा।
वार्ता