शास्त्र चर्चा से होता है संरक्षण एपं सम्बर्धन : कुलपति
दरभंगा। बिहार के प्रतिष्ठित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि शास्त्रों पर चर्चा से उसका संरक्षण एवं सम्बर्धन होता है।
रविवार को स्नातकोत्तर विभाग में दूसरे दिन जारी संस्कृत सप्ताह समारोह के दौरान शास्त्रों पर वृहत चर्चा हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि शास्त्रों पर चर्चा के कई अन्य फायदे भी हैं। ज्ञान विकसित होने के साथ साथ गूढ़ विषयों पर मंथन कर उसे सामान्य बनाया जा सकता है। इससे विषय की व्यापकता बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि आज की इस चर्चा से पता चलता है कि किन विभागों में किन किन विषयों की प्रमुखता से अध्ययन-अध्यापन की जाती है। आज शास्त्र चर्चा में जिन बिंदुओं पर चर्चा हुई वे सभी विषय हमारे दैनंदिन जीवन के उपयोगी है। उन्होंने अध्ययन व अध्यापन विधि भी बतायी।उन्होंने बताया कि सभी स्नातकोत्तर विभागों के एक एक प्रध्यापक ने शास्त्र चर्चा में भाग लिया।
डॉ. शम्भू शरण तिवारी के संयोजकत्व एवं डॉ. सुधीर कुमार के मंच संचालन में आज के सम्पन्न कार्यक्रम में व्याकरण विभाग से डॉ. साधना शर्मा ने अक्षर समाम्नाय पर शास्त्र चर्चा की। साहित्य विभाग से डॉ. रीतेश कुमार चतुर्वेदी ने काव्य लक्षण तथा ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ.कुणाल कुमार झा ने बालारिष्ट योग पर शास्त्र चर्चा प्रस्तुत की। धर्मशास्त्र विभाग से डा.पुरेंद्र वारिक ने धर्मशास्त्र के परिचय का प्रतिपादन किया। वेद विभाग से प्रो.विनय कुमार मिश्र ने उपाकर्म की महत्ता एवं वैदिक वाङ्गमय का विवेचन किया। शिक्षाशास्त्र विभाग के निदेशक डॉ. घनश्याम मिश्र ने संस्कृत अध्यापक के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता पर चर्चा की। दर्शन विभाग से डा.शम्भु शरण तिवारी ने सन्निकर्ष विषय पर चर्चा की।
समारोह में डा. रेणुका सिंहा, डॉ.दिलीप झा, डॉ. दयानाथ झा, डॉ. रामसेवक झा, डॉ. ममता पाण्डेय, डॉ.मैथिली कुमारी, डॉ० प्रियंका तिवारी, डॉ. ध्रुव कुमार मिश्र सहित दर्जनों छात्र -छात्राएं उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन छात्र कल्याण अध्यक्ष डा.शिवलोचन झा ने किया।