पिछली सरकारों ने की प्रदेश में पर्यटन संभावनाओं की उपेक्षा - योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा वाले उत्तर प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं को पिछली सरकारों में नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुये कहा कि 2017 से पहले पर्यटन तो दूर, कानून-व्यवस्था की बदहाली के चलते लोग उप्र में औद्योगिक निवेश तक करना नहीं चाहते थे।
योगी ने शुक्रवार को यहां पर्यटन विकास से जुड़ीं 642 करोड़ रुपये की 488 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश आज पर्यटन विकास की ढेर सारी संभावनाओं को समेटे हुए आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद देश में पर्यटन क्षमताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही समझा है। उनकी दूरदर्शी व सकारात्मक सोच के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास के मानचित्र पर आज एक नई कहानी कह रहा है।
इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कार्यक्रम में वर्चुअल भागीदारी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2013 के प्रयागराज महाकुंभ में अव्यवस्था, गंदगी, और भगदड़ की स्थिति रही। वहीं 2019 का प्रयागराज कुंभ दिव्य और भव्य रहा। आज अयोध्या का दीपोत्सव, मथुरा का कृष्णोत्सव और रंगोत्सव एवं काशी की देव दीपावली, पूरी दुनिया को आकर्षित कर रही है।
योगी ने कहा कि प्रदेश में शुक तीर्थ, नैमिष धाम, गोरखपुर, कौशाम्बी, संकिसा और लालापुर सहित हर क्षेत्र के विकास पर देते हुये मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के माध्यम से प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में किसी न किसी पर्यटन स्थल के व्यवस्थित विकास को आगे बढ़ाने का कार्य हुआ है। नतीजतन प्रदेश में 700 से अधिक पर्यटन स्थलों का सफलतापूर्वक विकास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ इको टूरिज्म को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन प्रयासों से युवाओं के लिए बड़ी संख्या में रोज़गार के अवसर भी सृजित हुए हैं।
इस मौके पर उन्होंने 191.04 करोड़ रुपये की 154 विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया। इस दौरान रेड्डी ने योगी सरकार द्वारा पर्यटन एवं संस्कृति संवर्धन के लिए किए गए प्रयासों को अभूतपूर्व बताया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार सांस्कृतिक विरासतों का उत्थान कर रही है। यह नए भारत की नई तस्वीर है।
वार्ता