बोले PM, चाय वाले का प्रधानमंत्री बनना हजम नहीं कर पा रही कांग्रेस’
नई दिल्ली। अट्टारहवीं लोकसभा के गठन के बाद आज भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया गया और प्रधानमंत्री मोदी ने नये सांसदों को मर्यादित व्यवहार एवं आचरण की नसीहतें दीं।
मोदी ने संसद के पुस्तकालय भवन में जीएमसी बालयोगी सभागार में हुई राजग संसदीय दल की बैठक की अध्यक्षता की। राजग की यह बैठक ऐसे समय में हुई जिस समय संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा चल रही है।
संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का माला पहना कर भव्य स्वागत किया गया। बैठक में मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने राजग की जीत पर खुशी जाहिर की और कहा लगातार तीन बार जीतना बड़ी बात है। पंडित जवाहरलाल नेहरू के सामने आज के जैसी विकराल चुनौतियां नहीं थीं, फिर वो जीते थे। हमारे सामने तमाम चुनौतियों के बाद भी इतनी बड़ी जीत राजग को मिली।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक परिवार से कई प्रधानमंत्री बने और कुछ सुपर प्रधानमंत्री बने। उन्हें एक चाय वाले का प्रधानमंत्री बनना हजम नहीं होता इसलिए वो बार-बार हम पर हमला करते हैं।
मोदी ने नए सांसदों को नसीहत दी कि दिल्ली के कार्य संस्कृति कल्चर और मीडिया में बयानबाजी से बचें। प्रधानमंत्री ने नए सांसदों से अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा संसद की कार्यवाही में हिस्सा लें। अपने लोकसभा क्षेत्र के विषयों को उठाएं। सभी सांसदों को देश सेवा को सर्वोपरि रखना है। सांसदों को अपना व्यवहार और आचरण ठीक रखना चाहिए। साथ ही साथ सांसदों को संसद के नियम के अनुसार आचरण करना चाहिए। संसद सदस्यों को जिन विषयों पर विशेष रुचि है, उसको साझा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर सांसद को परिवार सहित प्रधानमंत्री संग्रहालय में जाना चाहिए। हर सांसदों को अपने जड़ से जुड़ा रहना चाहिए। इधर-उधर भाषण की बजाए बेहतर ढ़ंग से अपनी बात उचित फोरम पर रखना चाहिए।
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “आज प्रधानमंत्री ने हमें एक मंत्र दिया जो बहुत महत्वपूर्ण है। मोदी ने राजग सांसदों से संसद के नियमों, संसदीय लोकतंत्र प्रणाली और आचरण का पालन करने का आग्रह किया जो एक अच्छा सांसद बनने के लिए आवश्यक है। प्रधानमंत्री का यह मार्गदर्शन सभी सांसदों, खासकर पहली बार के सांसदों के लिए एक अच्छा मंत्र है। हमने इस मंत्र का पालन करने का फैसला किया है।”