पीएम नरेंद्र मोदी को बिहार के विकास की चिंता नहीं- प्रशांत किशोर

पीएम नरेंद्र मोदी को बिहार के विकास की चिंता नहीं- प्रशांत किशोर

पटना। जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के प्रणेता प्रशांत किशोर ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बिहार के विकास की कोई चिंता नहीं है और उन्होंने दस वर्षों के अपने शासन काल में बिहार के चतुर्दिक विकास के लिए कभी एक मिनट के लिए भी बैठक नहीं की।

प्रशांत किशोर ने आज पटना स्थित अपने आवास पर विभिन्न जिलों से आए पार्टी कार्यकर्ताओं की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुये कहा, कि प्रधानमंत्री को यह मालूम है कि बिहार देश का सबसे गरीब, अशिक्षित, पिछड़ा और बेरोज़गारी वाला राज्य है। उनके पास इसके आधिकारिक आंकड़े भी उपलब्ध है। बिहार ने 2019 के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 40 में से 39 सांसद दिया और 2024 के चुनाव में राजग को 30 सांसद दिया है जिनके दम पर उनकी तीसरी बार सरकार कायम हुई है, फिर भी बिहार की चिंता नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने बताया कि प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कहा है कि बिहार की बाबत पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा )को कभी कोई चिंता नहीं रही। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात छोड़िए, उन्होंने विशेष पैकेज तक नहीं दिया। इतना ही नहीं उन्होंने कभी बिहार के विकास और बिहारियों की जरुरतों के लिए कभी बिहार और केन्द्र सरकार के अधिकारियों तथा योजना आयोग के साथ एक बैठक तक नहीं की। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार की बर्बादी और पिछड़ापन में यदि लालू प्रसाद यादव की पन्द्रह वर्षों की सरकार जिम्मेदार है तो नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाईटेड (जदयू),भाजपा, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ,हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) गठबंधन, राजग की सरकार उससे ज्यादा कसूरवार है। यह डबल इंजन की सरकार सभी मामलों में विफल हैं। बिहार की जनता ने बड़े विश्वास के साथ नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया था लेकिन यह भी ढाक के तीन पात ही साबित हुए। उन्होंने कहा कि 26 सांसद वाले राज्य गुजरात का विकास हो रहा है जहां रोज़ फैक्ट्रियां खुल रही है। वहां एक लाख करोड़ का बुलेट ट्रेन भी बनाए जा रहे हैं। लेकिन बिहार में फैक्ट्री तो नहीं ही खुली, पैसेंजर ट्रेन भी नहीं दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में शिक्षा, खेती -किसानी और रोजगार की दिशा में भाजपा का प्रादेशिक और राष्ट्रीय नेतृत्व ने कुछ भी नहीं किया है और बिहार में नीतीश कुमार का पिछलग्गू बन कर रह गया है। बिहार इन सरकारों के कारण मजदूर बनाने की फैक्ट्री बन कर रह गया है और रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन करना हम बिहारियों की मजबूरी बन गई है। यहां से मेधा, पूंजी और मजदूरों का पलायन निरंतर जारी है और न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ना ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसकी चिंता है। आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में जनता इंडिया और एनडीए दोनों गठबंधनों को सबक़ सिखाएगी और दोनों धूल धूसरित हो जाएंगे।

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