टीबी के उन्मूलन में जनप्रतिनिधि भी निभाएं भागीदारीः जयप्रताप
लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश से टीबी को पूरी तरह समाप्त करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में है। टीबी रोग के उन्मूलन में जनप्रतिनिधि भी अपनी भागीदारी निभाएं। जन-प्रतिनिधियों की भागेदारी टीबी (क्षय रोग) के उन्मूलन में बहुत महत्वपूर्ण है। सबके सहयोग से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में वर्ष 2023 तक उत्तर प्रदेश टीबी के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री जय प्रताप सिंह आज जनपद सिद्धार्थनगर में आयोजित टीबी (क्षय रोग) पर संवेदीकरण बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में टीबी के उन्मूलन के लिए प्रत्येक स्तर से सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। जनपदों में संवेदीकरण कार्यक्रमों को संपादित किये जाने से उत्साहजनक परिणाम निकलेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार टीबी उन्मूलन के लिए अथक प्रयास कर रही है, इसीलिए हम सबका सामूहिक उत्तरदायित्व है कि इस बीमारी के बारे में समुदाय के लोगों तक हर मंच से जागरूकता फैलाएं, नयी रणनीतियां बनाएं और इसको पूर्ण रूप से समाप्त करने का प्रण लें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल से प्रेरित होकर वह भी अपने जनपद में 18 साल से कम उम्र के टीबी से पीड़ित बच्चे को गोद लेंगे। उन्होंने सभी से अपील की कि वे भी अपने-अपने क्षेत्र में इस सेवा भाव का अनुसरण करें।
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने कार्यक्रम में कहा कि पूरे विश्व के सापेक्ष भारत में टीबी रोग से ग्रसित 25 प्रतिशत मरीज हैं और इनमें हर पांचवा मरीज उत्तर प्रदेश से है। उन्होंने प्रदेश में टीबी की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया और बताया कि अब तक टीबी के सघन रोगी खोज अभियान के अंतर्गत तीन लाख पंद्रह हजार मरीजों की पहचान करके उनका निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। टीबी उन्मूलन के लिए सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने बताया कि पिछले दो साल में सरकार द्वारा नयी रणनीतियां बनाई गयी हैं, जिनमें प्राइवेट सैक्टर की सहभागिता, वर्तमान जांच प्रणाली को और रोगियों के उपचार तंत्र को और अधिक मजबूत करना है। साथ ही प्रोत्साहन राशि के रूप में सरकार द्वारा टीबी मरीजों के लिए आर्थिक सहयोग के रूप में दी जाने वाली प्रोत्साहन धनराशि से सम्बंधित निक्षय पोषण योजना के बारे में उन्होनें उपस्थित जनों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह योजना 1 अप्रैल, 2018 से लागू की गयी है। इसके अंतर्गत, प्रत्येक टीबी मरीज को उपचार की पूरी अवधि के दौरान 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि सीधे उसके खाते में स्थान्तरित की जाती है और अब तक इस मद में एक सौ चैहत्तर करोड़ रुपये लाभार्थियों में वितरित किये जा चुके हैं।
संगोष्ठी में राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता, जिला अधिकारी सिद्धार्थनगर दीपक मीणा, ग्लोबल हैल्थ स्ट्रेटेजीज के प्रतिनिधि, चिकित्सा विभाग के अधिकारी, क्षय रोग विभाग के समस्त वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ बांसी और मिथवल ब्लाक के खण्ड विकास अधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक, ए.डी.ओ. (पंचायत) तथा ब्लाॅक के अन्य अधिकारी एवं ग्राम प्रधानों ने वर्चुअल प्रतिभाग किया और टीबी के उन्मूलन हेतु सामुदायिक सहभागिता के महत्व पर अपने विचार रखे। इस संगोष्ठी का आयोजन प्रदेश टीबी (क्षय रोग) कार्यालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश और ग्लोबल हैल्थ स्ट्रेटजीज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार जय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में किया गया।