वक्फ बोर्ड संबंधी विधेयक को ओवैसी ने बताया वक्फ संपत्तियां छीनने वाला
मुंबई। लोकसभा सांसद एवं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने बुधवार को दावा किया कि केंद्र सरकार के दावों के विपरीत, प्रस्तावित वक्फ बोर्ड (संशोधन) विधेयक मुसलमानों को उनकी वक्फ संपत्तियों से वंचित करने के इरादे से लाया गया है।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड को खत्म करने के लिए विधेयक लेकर आई है, न कि वक्फ प्रशासन और संपत्ति में पारदर्शिता लाने के लिए, जैसा कि वह दावा करती है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा और उसका मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) वक्फ बोर्ड के खिलाफ झूठा प्रचार कर रहे हैं। ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “भाजपा-आरएसएस द्वारा यह झूठा प्रचार किया जा रहा है कि वक्फ निजी संपत्ति के बजाय सरकारी संपत्ति है। दूसरा झूठा प्रचार किया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड के पास 9.4 लाख एकड़ जमीन है। जैसे हिंदू धर्म में संपत्ति दान की जाती है, वैसे ही मुस्लिम धर्म में भी ये संपत्ति दान की जाती है। सरकार इसमें हस्तक्षेप क्यों कर रही है? यह अनुच्छेद 26 का उल्लंघन है।”
वक्फ संशोधन विधेयक के एक खंड पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा “ इसमें लिखा है कि पिछले पांच वर्षों से मुस्लिम धर्म का अभ्यास करने वाला (प्रैक्टिसिंग मुस्लिम) व्यक्ति वक्फ कर सकता है। प्रैक्टिसिंग मुस्लिम का क्या मतलब है? क्या वह ऐसा व्यक्ति होगा जो दिन में पांच बार नमाज पढ़ता हो, दाढ़ी रखता हो या टोपी पहनता हो, क्या उसकी पत्नी मुस्लिम होगी या गैर-मुस्लिम? वे कौन होते हैं यह तय करने वाले? हिंदू धर्म में ऐसा कोई कानून नहीं है।
उन्होंने कहा “ मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने 'प्रैक्टिसिंग मुस्लिम' जैसी शब्दावली क्यों बनाई? वे कौन होते हैं यह पहचानने वाले कि मैं प्रैक्टिस कर रहा हूं या नहीं?” एआईएमआईएम नेता ने कहा “ क्या नरेन्द्र मोदी अब हमारे घरों में झांकेंगे? या फिर पांच साल बाद कहेंगे कि अब आप मुसलमान हैं और आपको प्रमाण पत्र लेने की जरूरत है?”