खुला फर्जीवाडा- कागजों पर चल रहे 219 मदरसे डकार गए सरकार से मिली रकम
आजमगढ़। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की ओर से मदरसों को लेकर कराए गए सर्वे में एक बड़े फर्जीवाडे का खुलासा हुआ है। फर्जीवाड़ा करते हुए कागजातों में चलाए जा रहे 219 मदरसे सरकार से मिलने वाली मदद को लगातार डकारते रहे। इनमें से तकरीबन तीन दर्जन मदरसे तो ऐसे भी रहे हैं जो आधुनिकीकरण के नाम पर मिले सरकारी भुगतान को हजम करके बैठ गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित की गई एसआईटी की ओर से आजमगढ़ में की गई मदरसों की जांच रिपोर्ट में फर्जी मदरसों का खुलासा हुआ है। जनपद आजमगढ़ में विशेष जांच दल की ओर से की गई जांच पड़ताल में 219 मदरसे केवल कागजों के भीतर ही चलते हुए मिले हैं। कागजातों के भीतर चलाये जा रहे यह फर्जी मदरसे लगातार सरकारी मदद हासिल कर डकारते रहे। 219 मदरसों में 39 मदरसे ऐसे भी रहे हैं जिन्हें सरकार की ओर से आधुनिकीकरण के नाम पर भुगतान किया गया है। जांच रिपोर्ट में एसआईटी द्वारा ऐसे मदरसों के प्रबंधकों एवं प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति की गई है। तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के साथ तत्कालीन रजिस्ट्रार को भी मदरसों के इस फर्जीवाड़े में दोषी ठहराया गया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009-10 में मिर्जापुर एवं आजमगढ़ में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता एवं अनुदान देने का मामला सामने आया था। वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस फर्जीवाड़े की शिकायत की गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस फर्जीवाड़े की जांच के निर्देश एसआईटी के माध्यम से कराने के दिए थे। एसआईटी ने अल्पसंख्यक विभाग के कई अडे अफसरों एवं कर्मचारियों की भूमिका को भी अपनी रिपोर्ट में संदिग्ध बताया है।