वृक्षारोपण अभियान में लापरवाही होने पर दंडित होंगे अधिकारी - वन मंत्री
लखनऊ। प्रदेश के पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान मंत्री अरूण कुमार सक्सेना ने विभागीय अधिकारियों निर्देशित करते हुए कहा है कि वृक्षारोपण अभियान के तहत रोपित पौधों की देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। वर्तमान में अपेक्षा से कम वर्षा हो रही है इसलिए पौधों के सिंचाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही जो पौधे सूख गए है उनके स्थान पर नए पौधों का रोपण प्राथमिकता से कराया जाये। समय-समय पर विभागीय अधिकारी अन्य विभागों द्वारा रोपित पौधों का स्थलीय निरीक्षण करें और उसकी रिपोर्ट उनकों भी उपलब्ध कराते रहें।
वन मंत्री अरूण कुमार सक्सेना ने यह निर्देश वन विभाग के पारिजात कक्ष में विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि आरा मशीनो की अधिकारी गंभीरता से जांच करें जहां भी अवैध आरा मशीन मिले उसपर अनुशासनिक कार्रवाई कर सीज कर दें, जिन जनपदों में अवैध आरा मशीन चलती मिलेगी उस जनपद के अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग अवैध कटान को रोकने के लिए कॉल सेंटर का गठन करें तथा कॉल सेंटर के माध्यम से आई सूचना पर एक हफ्ते में कार्रवाई करें। आई0जी0आर0एस0 पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें।
वन मंत्री ने बैठक में कहा कि कुकरैल वन क्षेत्र में कुकरैल नाइट सफारी की स्थापना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है, इस परियोजना को पूरा करने के लिए तेजी से काम किया जाये। नाइट सफारी की स्थापना के संबंध में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के सलाहकार एवं सेट्रल जू अथॉरिटी नई दिल्ली की नियमावली एवं गाइडलाइन के अनुसार मास्टर प्लान व मास्टर ले आउट तैयार कराया जाये। नाइट सफारी की संभावित विंग के लिए संबंधित क्षेत्र में अनुभव रखने वाले विशेषज्ञों को नियुक्त किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विभागीय जांच में अधिकारी तेजी लाएं और गंभीर प्रकरणों पर तुरन्त एक्शन लें तथा रिपोर्ट हमकों भी उपलब्ध कराएं।
अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह ने समीक्षा के दौरान जनपद ललितपुर के डी0एफ0ओ0 को कार्यों के प्रति लापरवाही व उदासीनता बरतने पर सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कार्यप्रणाली में सुधार नहीं लाते है तो आपके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रीमती ममता संजीव दुबे तथा मुख्य वन संरक्षक, अपर मुख्य वन संरक्षक सहित सभी जनपदों के डी0एफ0ओ0 वर्चुअल रूप से जुड़े थे।