पूर्वोत्तर के राज्य देश के विकास का आधार बनेंगे: मोदी

पूर्वोत्तर के राज्य देश के विकास का आधार बनेंगे: मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश को नयी ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए सभी क्षेत्रों की सामर्थ्य का सही इस्तेमाल किये जाने की जरूरत है और इस दिशा में कदम उठाने से पूर्वोत्तर के राज्य देश के विकास का आधार बनेंगे।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि देश को नये आयाम पर ले जाने के लिए देश के सभी हिस्सों की सामर्थ्य का सही इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा , " 21 वीं सदी में भारत को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत की सामर्थ्य का सही इस्तेमाल, पूरा इस्तेमाल जरूरी है।इसके लिए जो वर्ग पीछे है, जो क्षेत्र पीछे है, हमें उनकी हैंड-होल्डिंग करनी ही होगी।"

इस संदर्भ में पूर्वोत्तर के राज्यों और जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा , " आज नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी का नया इतिहास लिखा जा रहा है। ये कनेक्टिविटी दिलों की भी है और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी है। बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों की राजधानियों को रेलसेवा से जोड़ने का काम पूरा होने वाला है। हमारा पूर्वी भारत, नॉर्थ ईस्ट, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सहित पूरा हिमालय का क्षेत्र हो, हमारी कोस्टल बेल्ट या फिर आदिवासी अंचल हो, ये भविष्य में भारत के विकास का बड़ा आधार बनेंगे। सभी की सामर्थ्य को उचित अवसर देना, यही लोकतंत्र की असली भावना है।"


उन्होंने कहा कि जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब ज़मीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है। लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है। एक तरफ लद्दाख, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ 'सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी' लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा , " देश के जिन ज़िलों के लिए ये माना गया था कि ये पीछे रह गए, हमने उनकी आकांक्षाओं को भी जगाया है। देश मे 110 से अधिक आकांक्षी ज़िलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क, रोज़गार, से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इनमें से अनेक जिले आदिवासी अंचल में हैं। आज हम अपने गांवों को तेजी से परिवर्तित होते देख रहे हैं। बीते कुछ वर्ष, गांवों तक सड़क और बिजली जैसी सुविधाओं को पहुंचाने रहे हैं। अब गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, डेटा की ताकत पहुंच रही है, इंटरनेट पहुंच रहा है। गांव में भी डिजिटल उद्यमी तैयार हो रहे हैं। "

वार्ता

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