देश के चार लाख नौ हजार ग्रामीण परिवारों को मिला मकान का मालिकाना हक

देश के चार लाख नौ हजार ग्रामीण परिवारों को मिला मकान का मालिकाना हक

नई दिल्ली। देश के चार लाख नौ हजार ग्रामीण परिवारों को शनिवार को उनके मकान का मालिकाना हक मिल गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामित्व योजना का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ करते हुए कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों को अगले दो माह तक मुफ्त खाद्यान्न मिलेगा जिस पर केंद्र सरकार 26 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से देश के 409945 ग्रामीण परिवारों को स्वामित्व योजना के अंतर्गत ई-प्रापर्टी कार्ड दे कर उन्हें उनके मकान का मालिकाना हक प्रदान किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना को पूरे देश में लागू किए जाने का शुभारंभ भी किया।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार विजेता पंचायतों के बैंक खाते में बटन दबाकर सीधे पुरस्कार की धनराशि भी हस्तांतरित की।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 की इस प्रतिकूलता में कोई भी परिवार भूखा ना सोए, गरीब से गरीब का भी चूल्हा जले, ये भी हमारी जिम्मेदारी है। सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन देने की योजना को फिर से आगे बढ़ाया है। मई और जून के महीने में देश के हर गरीब को मुफ्त राशन मिलेगा। इसका लाभ 80 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को होगा। इस पर केंद्र सरकार 26 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगी।

प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना में अब तक हुए कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह योजना गाँव और गरीब के आत्मविश्वास को, आपसी विश्वास को और विकास को नई गति देने वाली है। आज गांव और गरीब को उसके घर का कानूनी दस्तावेज देने वाली यह अहम योजना पूरे देश में लागू की गई है।

उन्होंने अब तक गांवों में कारोना के प्रसार को रोकने में पंचायतों की भूमिका की प्रशंसा भी की। श्री मोदी ने कहा कि एक साल पहले जब हम पंचायती राज दिवस पर मिले थे, तब पूरा देश कोरोना से मुकाबला कर रहा था। तब मैंने आग्रह किया था कि आप कोरोना को गांव में पहुंचने से रोकने में अपनी भूमिका निभाएं। आप सभी ने बड़ी कुशलता से, ना सिर्फ कोरोना को गांवों में पहुंचने से रोका, बल्कि गांव में जागरूकता पहुंचाने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इस वर्ष भी हमारे सामने जो चुनौती है, वो चुनौती पहले से जरा ज्यादा है । गांवों तक इस संक्रमण को किसी भी हालत में पहुंचने नहीं देना है, उसे रोकना ही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार हमारे साथ वैक्सीन की ताकत भी है और मुझे विश्वास है कि गांव कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे पहले विजयी होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि पंचायतों को नए अधिकार दिये जा रहे हैं। पंचायतों को डिजिटल बनाने के लिए हर गाँव को फाइबर नेट से जोड़ने का काम भी तेजी से चल रहा है। आज हर घर को शुद्ध जल देने के लिए चल रही जल जीवन मिशन जैसी बड़ी योजना की जिम्मेदारी पंचायतों को ही सौंपी गई है। गांव में रोजगार से लेकर आज गरीब को पक्का घर देने तक का जो व्यापक अभियान केंद्र सरकार चला रही है, वो ग्राम पंचायतों के माध्यम से ही आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार ने सवा दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ग्राम पंचायतों के हाथ में ही दी है। इतनी बड़ी धनराशि पंचायतों को इससे पहले कभी नहीं दी गई थी।

इस अवसर पर केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि विगत सात वर्षों से हमेशा प्रधानमंत्री का राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर देशभर के पंचायत प्रतिनिधियों को मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। श्री तोमर ने बताया कि देशभर में पांच करोड़ 70 लाख लोगों ने कार्यक्रम को ऑनलाइन देखने के लिए पंजीकरण कराया है।

नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि तेरहवें वित्त आयोग के दौरान पांच साल की अवधि में देश की पंचायतों को 65 हजार करोड़ रूपए विकास के लिए मिलते थे, लेकिन चौदहवें वित्त आयोग ने दो लाख 292 करोड़ रुपए सीधे पंचायतों को देने की अनुशंसा की थी। प्रधानमंत्री ने कई लोगों की आपत्ति के बावजूद इस बात पर बल देते हुए कि पंचायते आगे बढ़ेगी तो देश आगे बढ़ेगा पूरी धनराशि पंचायतों तक पहुंचाई। पंद्रहवें वित्त आयोग के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में सुविधा विस्तार की राशि मिलाकर देश की ग्राम पंचायतों को दो लाख 80 हजार करोड़ रुपए पहुंचाए जाएंगे। इस धनराशि से देश के गावों की तस्वीर बदलना सुनिश्चित है।

नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि ऑनलाइन ऑडिट, प्रिया सॉफ्ट जैसे अनुप्रयोगों के माध्यम से पंचायतों के कामकाज में पूर्ण पारदर्शिता आई है। देश की एक लाख 52 हजार पंचायतों में 41 हजार करोड़ का लेनदन डिजीटल माध्यम से किया गया है।

नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि इस वर्ष 313 पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायती राज पुरस्कार के लिए सम्मानित किया जा रहा है, जो कि 74 हजार से ज्यादा पंचायतों के बीच हुई प्रतिस्पर्धा में से चुनकर आई है।

इस अवसर पर राजस्थान, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, अरूणाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री एवं कई राज्यों के पंचायती राज मंत्री उपस्थित थे।

वार्ता



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