कंगाली में आटा गीला- अडानी को अब यूपी गवर्नमेंट का झटका- टेंडर निरस्त
लखनऊ। हिडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बुरी तरह से हिचकोले ले रहे अडानी के साम्राज्य को अब यूपी गवर्नमेंट से भी जोर का झटका सहन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने निर्धारित दर से 40 फ़ीसदी अधिक दर होने की वजह से स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीद के टेंडर को निरस्त कर दिया है। इस टेंडर की प्राप्ति की दौड़ में अदानी, जीएमआर एवं इंटेली स्मार्ट न्यूनतम बोली दाता थे। इन तीनों में अदानी समूह की कंपनी की सबसे कम न्यूनतम बोली होने की वजह से माना जा रहा था कि स्मार्ट मीटर आपूर्ति का टेंडर अदानी कोची मिल सकता है। टेंडर निरस्तीकरण का आदेश जारी होने के बाद अब बिजली महकमे के अफसरों के भीतर खींचतान की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
दरअसल मध्यांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर की आपूर्ति के लिए बिजली क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों से टेंडर मांगे गए थे। इसके लिए विभिन्न कंपनियों द्वारा अपनी न्यूनतम बोली के टेंडर दाखिल किए थे। जिनमें अदानी ग्रुप की अदानी ट्रांसमिशन भी शामिल थी।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा अब आदेश जारी कर टेंडर की निर्धारित दर से 40 फ़ीसदी अधिक घर आने की वजह से स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीद के टेंडर को निरस्त कर दिया है। जिस पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन ने आपत्ति जताते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक को आदेश जारी किया है कि वह इस मामले को देखें। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज का कहना है कि इस टेंडर को निरस्त करने से पहले सेंट्रल स्टोर परचेज कमेटी की बैठक नहीं बुलाई गई है। इस कमेटी की बैठक में ही यह तय होना था कि टेंडर निरस्त किया जाए अथवा नहीं। इसके लिए एमडी को आदेश दे दिया गया है।
बताया जा रहा है कि तकरीबन 25000 करोड रुपए की लागत से पूरे उत्तर प्रदेश में 2.5 करोड़ प्रीपेड स्मार्ट मीटर खरीदने की टेंडर प्रक्रिया को बीते दिनों संपन्न किया गया था। 4 कलेक्टरों में किए गए टेंडर में सभी जगह अदानी ग्रुप की कंपनी अदानी ट्रांसमिशन ने भी हिस्सा लिया। अधिकांश टेंडर में इसी कंपनी की दरें न्यूनतम आई हैं। अदानी ग्रुप में भी जो दर टेंडर में दी वह ऐस्टीमेटेड दर प्रति मीटर 6000 रुपए से अधिक यानी तकरीबन 10000 रुपए हैं