डिप्टी सीएम ने दिए स्कूलों को निर्देश- जरूरी है अभिभावकों की लिखित सहमति
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा है कि अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद ही विद्यार्थियों को पठन पाठन के लिये बुलाया जाए।
डॉ0 ने शनिवार को यहां बताया कि लम्बे विचार विमर्श के बाद कन्टेनमेन्ट जोन के बाहर प्रदेश में संचालित समस्त शिक्षा बोर्डों के विद्यालयों के कक्षा नौ, दस, 11 एवं 12 की कक्षाओं में 19 अक्टूबर से पठन-पाठन का कार्य भौतिक रूप से पुनः प्रारम्भ किया जायेगा। उन्होंने बताया कि विद्यालय खोले जाने की अनुमति कतिपय शर्तों के अधीन प्रदान की गयी हैं। अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद ही विद्यार्थियों को पठन पाठन के लिये बुलाया जाय।
उन्होंने कहा कि विद्यालय खोले जाने से पूर्व उन्हें पूरी तरह से सैनेटाइज किया जाए तथा यह प्रक्रिया प्रतिदिन प्रत्येक पाली के उपरान्त नियमित रूप से भी सुनिश्चित की जाय। विद्यालयों में सेनेटाईजर, हैण्डवाश, थर्मलस्कैनिंग एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। यदि किसी विद्यार्थी, शिक्षक या अन्य कार्मिक को खांसी, जुखाम या बुखार के लक्षण हों तो, उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए घर वापस भेज दिया जाय।
डॉ0 शर्मा ने कहा कि बच्चों का भविष्य तथा स्वास्थ्य दोनों महत्वपूर्ण हैं। विद्यार्थियों को हैण्डवाश/सेनेटाईजर के प्रयोग के पश्चात ही विद्यालय में प्रवेश दिया जाय। विद्यालयों में प्रवेश के समय तथा छुट्टी के समय मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय तथा एक साथ सभी विद्यार्थियों की छुट्टी न की जाय। विद्यालय में यदि एक से अधिक प्रवेश द्वार हैं तो उनका उपयोग सुनिश्चित किया जाय।
उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थी स्कूल बसों अथवा विद्यालय से सम्बद्ध सार्वजनिक सेवा वाहन से विद्यालय आते है तो वाहनों को प्रतिदिन सेनेटाईज कराया जाये तथा बैठने की व्यवस्था में सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय। सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों तथा विद्यालय के अन्य कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। विद्यालय प्रबन्धन द्वारा अतिरिक्त मात्रा में मास्क उपलब्ध रखे जाये। विद्यार्थियों को छह फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
डॉ0 शर्मा ने कहा कि ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्था यथावत जारी रखी जाये तथा इसे प्रोत्साहित किया जाये। जिन विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर विद्यालय बुलाया जाय। यदि कोई विद्यार्थी आनलाइन अध्ययन करना चाहता है तो उसे सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालय दो पालियों में संचालित किए जाए । प्रथम पाली में कक्षा नौ एवं दस तथा द्वितीय पाली में कक्षा-11 एवं 12 के विद्यार्थियों को पठन-पाठन के लिए बुलाया जाय। एक दिवस में प्रत्येक कक्षा के अधिकतम 50 प्रतिशत तक विद्यार्थियों को ही बुलाया जाय। शेष 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को अगले दिन बुलाया जाय। विद्यालय में
उपस्थिति के लिये लचीला रूख अपनाया जाय तथा किसी विद्यार्थी को विद्यालय आने के लिए बाध्य न किया जाय। कोविड-19 के फैलाव तथा उससे बचाव के उपायों से समस्त विद्यार्थियों को जागरूक किया जाय।
गौरतलब है कि आगामी 19 अक्टूबर से विद्यालयों को खोले जाने के संबंध में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा, आराधना शुक्ला द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में स्कूल खोलने से पूर्व स्वास्थ्य, स्वच्छता व अन्य सुरक्षा प्रोटोकाल के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (एस0ओ0पी0) जारी कर दिया गया है, जो विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
उप मुख्यमंत्री ने विद्यालयों तथा अभिभावकों से अपील की है कि वह इन मानक संचालन प्रक्रिया का अनुपालन सुनिश्चित करें।
आराधना शुक्ला ने मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि शासनादेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा वह स्वयं भी विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करें।