दिन व रात की बिजली दर अलग अलग- केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा
लखनऊ। केंद्र सरकार की ओर से दिन और रात के लिए बिजली की दरें अलग-अलग किए जाने के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। उपभोक्ता परिषद ने केंद्र सरकार के इस फैसले को तुगलकी फरमान होना बताते हुए इसके विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है। देश के अन्य उपभोक्ता संगठनों को एकजुट कर नियामक आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने की उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है।
दरअसल केंद्र सरकार की ओर से विद्युत उपभोक्ता अधिकार नियम 2022 में संशोधन करते हुए बिजली टैरिफ प्रणाली में दो बदलाव पेश किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से लाए जा रहे इस बदलाव के अंतर्गत दिन और रात की बिजली दर में अंतर रखा गया है। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए इस कानून को 1 अप्रैल 2025 से देशभर में लागू करने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। केंद्र की ओर से लाए गए इस प्रस्ताव के बाद दिन में जहां लोगों को 10 से 20 प्रतिशत सस्ती बिजली मिलेगी। वही रात के समय बिजली के दामों में 10 से 20 फीसदी महंगी बिजली दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग ने घरेलू एवं उद्योगों के लिए अलग-अलग टैरिफ लागू कर रखा है। उपभोक्ता संगठनों की नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष एवं राज्य उपभोक्ता परिषद के प्रेसिडेंट अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि घरेलू उपभोक्ता अपने कुल उपभोक्ता 30 प्रतिशत दिन में और 70 फीसदी रात में उपभोग करते हैं। उन्होंने कहा है कि इस कानून के जरिए दो रूपये का फायदा दिखाकर सरकार उपभोक्ताओं से पांच रूपये वसूलने की बैक डोर से तैयारी कर रही है।