क्रूड स्टील के उत्पादन की क्षमता बढ़कर हो जाएगी डेढ़ करोड़ टन: मोदी

क्रूड स्टील के उत्पादन की क्षमता बढ़कर हो जाएगी डेढ़ करोड़ टन: मोदी

सूरत, प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने गुजरात के सूरत में आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) हजीरा प्लांट के विस्तार के अवसर पर शुक्रवार को कहा कि इस एक्सपान्शन के बाद हजीरा स्टील प्लांट में क्रूड स्टील के उत्पादन की क्षमता नौ मिलियन टन से बढ़कर 1.5 करोड़ टन हो जाएगी। मोदी ने अपने वीडियो संदेश के माध्यम से आज इस अवसर पर कहा कि इस स्टील प्लांट के माध्यम से सिर्फ इन्वेस्टमेंट ही नहीं हो रहा है बल्कि भविष्य के लिए नई संभावनाओं के अनेक द्वार भी खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 60 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश गुजरात और देश के युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर बनाएगा। इस एक्सपान्शन के बाद हजीरा स्टील प्लांट में क्रूड स्टील के उत्पादन की क्षमता नौ मिलियन टन से बढ़कर डेढ़ करोड़ टन हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि मैं लक्ष्मी मित्तल जी को, भाई आदित्य को, और उनकी पूरी टीम को बहुत बधाई देता हूं। आप सभी को दिवाली और नव वर्ष की अनेक-अनेक शुभकामनाएँ। नव वर्ष में आज टेक्नोलॉजी के द्वारा आप सभी से मिलना हुआ है, नव वर्ष आपके लिए सुख शांति और समृद्धि लेकर आए ऐसी सभी गुजरात के मेरे प्यारे भाइयों-बहनों के लिए मैं प्रार्थना करता हूँ। आप सभी को आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया के हजीरा प्लांट का विस्तार होने पर बहुत-बहुत बधाई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अमृतकाल में प्रवेश कर चुका हमारा देश अब 2047 के विकसित भारत के लक्ष्यों की ओर बढ़ने को आतुर है। देश की इस विकास यात्रा में स्टील इंडस्ट्री की भूमिका और सशक्त होने वाली है। क्योंकि जब देश में स्टील सेक्टर मजबूत होता है तो इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर मजबूत होता है। जब स्टील सेक्टर का विस्तार होता है तो रोड, रेलवे, एयरपोर्ट और बंदरगाह का विस्तार होता है। जब स्टील सेक्टर आगे बढ़ता है तो कंस्ट्रक्शन, ऑटोमोटिव सेक्टर में नए आयाम जुड़ जाते हैं। जब स्टील सेक्टर की क्षमता बढ़ती है तो डिफेंस, कैपिटल गुड्स और इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स के विकास को भी नई ऊर्जा मिलती है। इतना नहीं अब तक हम आयरन ऑर एक्सपोर्ट करके ही संतोष मान लेते थे। आर्थिक विकास के लिए हमारी जो भू सम्पदाएँ हैं उसका वैल्यूएशन होना बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा इस प्रकार के स्टील प्लांट के विस्तार के कारण हमारे आयरन ऑर का सही इस्तेमाल हमारे देश में होगा। देश के नौजवानों को बहुत रोजगार मिलेंगे और विश्व के बाजार में भारत का स्टील एक जगह भी बनाएगा। मुझे बताया गया है कि ये सिर्फ प्लांट के विस्तार की ही बात नहीं है बल्कि इसके साथ भारत में पूरी नई टेक्नोलॉजी भी आ रही है। ये नई टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में, ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में, अन्य मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर्स में, बहुत मदद करने वाली है। मुझे विश्वास है कि आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया का ये प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया के विजन के लिए मील का पत्थर साबित होगा। ये स्टील सेक्टर में विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के हमारे प्रयासों को नई ताकत देगा।

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