फादर स्टेन स्वामी की मौत को लेकर विवाद निराधार: सरकार

नई दिल्ली। सरकार ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपी फादर स्टेन स्वामी की मौत को लेकर विवाद को निराधार बताया है और कहा है कि उन्हें उनके किसी भी अधिकार से वंचित नहीं किया गया तथा उनकी चिकित्सा व्यवस्था अदालत की निगरानी में थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि हमने फादर स्टेन स्वामी के निधन से संबंधित रिपोर्टें देखीं है। उन्हें कानून की निर्धारित प्रक्रिया के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था। चूँकि उन पर विशेष प्रकार के आरोप लगाए गए थे, इसलिए अदालतों में उनकी जमानत की अर्जियां खारिज कर दी गईं। भारत में सरकार कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करती है, ना कि वैधानिक अधिकारों का प्रयोग करने वालों पर। ऐसी कोई भी कार्रवाई कानून के दायरे में ही होती है।
अरिंदम बागची ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी की खराब सेहत को देखते हुए बम्बई उच्च न्यायालय ने एक निजी अस्पताल में उनके उपचार की इजाजत दी थी जहां उन्हें 28 मई के बाद हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी गयी। उनकी चिकित्सा उपचार की अदालत द्वारा निगरानी की गई। चिकित्सकीय जटिलताओं के कारण उनका पांच जुलाई को निधन हो गया।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक व्यवस्था में एक स्वतंत्र न्याय पालिका तथा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर मानवाधिकार आयोग, एक स्वतंत्र मीडिया और जीवंत एवं सजग समाज है जो अधिकारों के उल्लंघन की निगरानी करते हैं। भारत अपने सभी नागरिकों के मानवाधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है।
वार्ता