सीएम योगी को स्वस्थ प्रदेश की फिक्र - आयुष्मान कार्ड के लिए अभियान

सीएम योगी को स्वस्थ प्रदेश की फिक्र - आयुष्मान कार्ड के लिए अभियान

लखनऊ। जनता के हित में सोचना और उसे कार्यान्वित करना सरकार का दायित्व होता है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अभी कुछ दिन पहले ही ऐसा अभियान शुरू किया, जिससे स्वस्थ प्रदेश का सपना सरकार किया जा सकता है। सभी लोगों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार ने आयुष्मान योजना शुरू की है। यह योजना राज्य सरकारें लागू कर रही हैं। योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को आयुष्मान कार्ड का लाभ मिले। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। इसलिए योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश मंे चिकित्सा व्यवस्था को सर्वसुलभ करने का प्रयास किया है। जगह-जगह मेडिकल कालेज खोले गये हैं ताकि दूर-दराज से लोग राजधानी लखनऊ तक दौड़ न लगाएं। चिकित्सा के साथ अन्य व्यवस्थाओं पर भी योगी आदित्यनाथ बारीकी से नजर रखते हैं। जन कल्याणकारी योजनाओं को कार्यान्वित करने का दायित्व प्रशासनिक अधिकारियों पर होता है। इसलिए प्रशासन को यथोचित सुविधाएं देने के साथ उन पर नियंत्रण भी रखा जाता है। योगी सरकार नौकरशाही पर भी लगाम कसती रहती हैं। अधिकारियों की सरकारी यात्रा पर गाइड लाइंस जारी की गयी है। उत्तर प्रदेश को लेकर योगी का क्या विचार है, इसकी झलक गत दिनों हुई नीति आयोग की बैठक में भी मिली थी।

योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल स्वस्थ प्रदेश-खुशहाल प्रदेश के तहत 15 से 30 सितंबर तक आयुष्मान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि प्रदेश के हर जरूरतमंद को 100 प्रतिशत आयुष्मान कार्ड का लाभ मिले। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। 23 सितंबर को इस योजना के 4 साल पूरे हो जाएंगे। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया कि पखवाड़े के तहत निःशुल्क आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। आशा बहनों द्वारा गांवों व वॉर्डों के चिह्नित परिवारों को कैंप स्थल की जानकारी दी जाएगी। जिन लोगों को कार्ड बनवाना हो, उन्हें आधार कार्ड, परिवार का राशन कार्ड या परिवार रजिस्टर की फोटोकॉपी लाना होगा। अभियान की सफलता के लिए मंडल व जनपद स्तर पर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। पखवाड़े में कैंप लगाकर कार्ड बनवाने के निर्देश दिेए गए हैं। गांवों या वॉर्डों में अगर 50 से ज्यादा लाभार्थी पहुंचते हैं, तो वहां कैंप का समय बढ़ाया जाएगा या एक ही दिन कई स्थानों पर कैंप लगाकर कार्ड बनाए जाएंगे। कैंप पंचायत भवन, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक विद्यालय जैसे सार्वजनिक स्थल पर लगेंगे, जिससे सरकार की मंशा के अनुरूप अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।

निर्देश दिया गया कि आमजन से जुड़ी इस योजना की जानकारी लोगों तक पहुंचे, इसका विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए बैनर, सोशल मीडिया, पंफलेट आदि के जरिए जानकारी भी दी जाए। 23 सितंबर को योजना के चार साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में निर्देश है कि अभियान के तहत जरूरतमंदों का आयुष्मान कार्ड बने। अभियान की सफलता के लिए विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इसमें पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग व आईसीडीएस विभाग आदि के नोडल अधिकारी शामिल होंगे। यह टीम अभियान से जुड़े सभी पहलुओं पर नजर रखेगी।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-मुख्यमंत्री योजना के अंतर्गत पात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाते हैं। इस कार्ड के जरिए आप लिस्ट में शामिल अस्पताल में अपना मुफ्त में इलाज करवा सकते हैं। अगर आप आयुष्मान कार्ड बनवा लेते हैं, तो 5 लाख रुपये तक का मुफ्त में इलाज करवा सकते हैं। आयुष्मान कार्ड वो लोग बनवा सकते हैं जिनके पास जमीन नहीं हैं, जिनके परिवार में कोई दिव्यांग सदस्य है। इसके अलावा अगर आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं। अनुसूचित जाति या जनजाति से आते हैं तो भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके साथ ही अगर आपका मकान कच्चा है, दिहाड़ी मजदूर हैं, निराश्रित और आदिवासी आदि हैं तो भी आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं।

प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार द्वारा निरन्तर काम किया जा रहा है। विभिन्न वायरस जनित संक्रामक रोगों पर नियंत्रण और उपचार की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि रिकार्ड समय में की गई है। बजट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में अलग अलग योजनाओं के लिए धनराशि प्रस्तावित की गई है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 10,547 करोड़ 42 लाख रूपए, प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 620 करोड़ रूपए, आयुष्मान भारत योजना के तहत 560 करोड़ रूपए, आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 250 करोड़ रूपए, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए 320 करोड़ 07 लाख रूपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है। पन्द्रहवें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अधीन विभिन्न योजनाओं के लिए 2908 करोड़ रूपए, राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के लिए 100 करोड़ रूपए की धनराशि प्रस्तावित की गई है।योगी सरकार प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम एक मेडिकल कालेज स्थापित करने का काम तेजी से कर रही है। 14 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 2100 करोड रूपए का प्रावधान किया गया है। योगी सरकार 2.0 के लोक कल्याण संकल्प-पत्र 2022 के तहत एमबीबीएस और पीजी पाठ्यक्रमों में सीटों में वृद्धि के लिए 500 करोड़ रूपए की धनराशि प्रस्तावित की गयी है। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन के लिए 50 करोड़, नर्सिंग कॉलेज की स्थापना हेतु 25 करोड़ रूपए, लखनऊ में बन रहे अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 100 करोड़ 45 लाख रूपए की धनराशि प्रस्तावित है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नौकरशाली पर भी लगाम कसने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अक्सर देखा जाता है कि जनता के पैसे में अधिकारी सरकारी कार्यक्रम तय कर मौज मस्ती करते नजर आते हैं लेकिन अब योगी सरकार ऐसे सभी अधिकारियों पर न सिर्फ नजर रख रही है बल्कि सरकारी यात्राओं को लेकर गाइडलाइंस भी जारी की जा रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की सातवीं बैठक को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के भविष्य को लेकर अपना विजन भी पेश किया था। बैठक में उन्होंने यूपी की अर्थव्यवस्था को 80 लाख करोड़ रुपये (01 ट्रिलियन यूएस डॉलर) का आकार देने के संकल्प को दोहराया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। यूनाइटेड नेशन द्वारा वर्ष 2023 में इण्टरेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स मनाए जाने के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा व्यापक तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है। इसका भी स्वास्थ्य से सीधा संबंध है। (हिफी)(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान फीचर सेवा)

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