मंत्री कपिलदेव पर 2 मामलों में हुए आरोप तय

मंत्री कपिलदेव पर 2 मामलों में हुए आरोप तय

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल के ऊपर विशेष एमपी एमएलए कोर्ट की ओर से 2 मामलों में आरोप तय कर दिए गए हैं। इनमें पहला मामला वर्ष 2003 में जिला मुख्यालय पर सोल्जर बोर्ड में हुए उपद्रव से संबंधित है, जबकि दूसरा वर्ष 2017 में हुए विधानसभा उपचुनाव में निषेधाज्ञा उल्लंघन का मामला है।

मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए। उनके वापिस लौटने के बाद विशेष एमपी एमएलए कोर्ट की ओर से वर्ष 2003 में जिला मुख्यालय पर सोल्जर्स बोर्ड परिसर में हुए उपद्रव और वर्ष 2017 में विधानसभा उपचुनाव के दौरान निषेधाज्ञा उल्लंघन के मामले में आरोप तय कर दिए गए हैं। सदर विधानसभा सीट से विधायक कपिल देव अग्रवाल मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश सरकार में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं। उनके ऊपर विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के जज गोपाल उपाध्याय की ओर से 2 मामलों में आरोप तय कर दिए गए हैं। वर्ष 2003 की 23 जुलाई को उनके खिलाफ थाना सिविल लाइंस में दारोगा इंद्रजीत की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें कहा गया है कि उस दिन सोल्जर बोर्ड में देवराज पंवार की बेटी निकिता की रस्म तेरहवी हुई थी, उसी समय निकिता की हत्या के आरोपी अविनाश और प्रेम कुमार भी वहां पर पहुंच गए थे। पुलिस ने दोनों को तुरंत ही हिरासत में ले लिया था। आरोप यह है कि इसी दौरान कपिल देव अग्रवाल अपने साथियों के साथ सोल्जर्स बोर्ड पहुंचे और इन लोगों ने आरोपियों की कार एवं अन्य सामान में तोड़फोड़ कर दी थी। इसके अलावा वर्ष 2017 के फरवरी माह में तत्कालीन नगर विकास राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप के निधन की वजह से सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था। इसमें कपिल देव अग्रवाल भाजपा प्रत्याशी थे। उनके खिलाफ शहर कोतवाली में 9 फरवरी को निषेधाज्ञा उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था। मंत्री कपिल देव अग्रवाल पर आरोप है कि बिना इजाजत के उन्होंने अपने समर्थकों के साथ शहर में ढोल नगाड़ों के बीच जुलूस निकाला।



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