बदलते हालात-भाजपा की बदलती रणनीति-प्रमुख का चुनाव लड़ सकेंगे परिजन

बदलते हालात-भाजपा की बदलती रणनीति-प्रमुख का चुनाव लड़ सकेंगे परिजन

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने बदलते हालातों के बीच अपनी रणनीति में भी बदलाव कर दिया है। जिसके चलते अब योगी सरकार के मंत्री भाजपा विधायक, सांसद और पदाधिकारियों के रिश्तेदार भी पार्टी के टिकट पर ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़ सकेंगे। पार्टी की इस बदली रणनीति से चुनाव लड़ने के इच्छुक भाजपाइयों के रिश्तेदारों की बांछे खिल गई हैं।

उत्तर प्रदेश में 826 क्षेत्र पंचायतों के लिए होने वाले ब्लाक प्रमुख के चुनाव की तारीखों का ऐलान सोमवार को कर दिया गया है। 10 जुलाई को होने वाले चुनाव में तकरीबन 76845 क्षेत्र पंचायत सदस्य मतदान करते हुए ब्लाक प्रमुख का चुनाव करेंगे। हाल ही में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की ओर से क्षेत्र पंचायत सदस्य के चुनाव में आधिकारिक तौर पर टिकट वितरण न करने के बावजूद बड़ी संख्या में पार्टी के विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और पदाधिकारियों के नाते रिश्तेदार एवं परिवारीजन भी क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए हैं। पार्टी के प्रदेशीय नेतृत्व से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व के ऊपर क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव में जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों के परिवारजनों को टिकट देने का दबाव है। आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी को संतुष्ट करने में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने अपने नेताओं की नाराजगी को दूर करने के लिए अब अपना निर्णय बदल दिया है। मंगलवार को लिए गए फैसले के मुताबिक क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव में पार्टी की ओर से बड़ी संख्या में मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों के करीबी रिश्तेदारों तथा परिवारजनों को भी टिकट देकर ब्लाक प्रमुख बनने का मौका दिया जाएगा। भाजपा ने यह भी तय किया है कि जिस ब्लॉक में टिकट को लेकर ज्यादा विवाद होगा, वहां पर पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं किया जाएगा। माना जा रहा है क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में बड़े नेताओं के बीच टिकट को लेकर प्रतिष्ठा की लड़ाई होने की संभावना है। ऐसे स्थानों पर पार्टी अधिकृत रूप से किसी को अपना उम्मीदवार घोषित नहीं करेगी। अलबत्ता चुनाव के दौरान होने वाले घमासान के बाद जो भी लड़ाई में जीत हासिल करेगा पार्टी उसे ही अपना मान लेगी।

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