कृषि बिल पर योगी -अखिलेश आमने सामने, विधेयक कृषि हित में या BJP का पतन-पत्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यसभा में कृषि विधयकों के पारित होने का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दोनों विधेयक कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने वाले सिद्ध होंगे। यह दोनों कृषि विधेयक किसानों के हित में सिद्ध होंगे।
गौरतलब है कि राज्यसभा ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश में कृषि सुधार के दो महत्वपूर्ण विधेयकों - 'कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020' तथा 'कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020' का स्वागत किया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दोनों विधेयक पूर्ण रूप से कृषि और कृषकों के हित में हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विधेयक के राज्यसभा में पारित होने पर पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अब कृषकों को कानूनी बाधाओं से आजादी मिलेगी। किसानों को उनकी उपज की पूरी कीमत मिलेगी।
वहीं, केंद्र सरकार के कृषि बिल को किसान विरोधी बताते हुए समाजवादी पार्टी ने राज्य सभा में विधेयक पास किए जाने की कड़ी निंदा की है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के कृषि विधेयक पारित कराए जाने को बीजेपी का पतन-पत्र करार दिया है।
भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए 'ध्वनि मत' की आड़ में राज्य सभा में किसानों व विपक्ष की आवाज़ का गला दबाया है व अपने कुछ चुनिंदा पूँजीपतियों व धन्नासेठों के लिए भारत की 2/3 जनसंख्या को धोखा दिया है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 20, 2020
लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं; अपना 'पतन-पत्र' पारित कराया है। pic.twitter.com/wfJjAoyGFW
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि,' भाजपा ने कृषि बिल पास कराने के लिए 'ध्वनि मत' की आड़ में राज्यसभा में किसानों व विपक्ष की आवाज़ का गला दबाया है व अपने कुछ चुनिंदा पूंंजीपतियों व धन्नासेठों के लिए भारत की 2/3 जनसंख्या को धोखा दिया है' उन्होंने लिखा कि लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं; अपना 'पतन-पत्र' पारित कराया है।