संप्रग ने नीतीश पर निकाला सत्ता से बेदखल होने का गुस्सा- पीएम
सासाराम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एवं कांग्रेस का नाम लिए बगैर उनपर जमकर हमला बोला और कहा कि बिहार की जनता ने जब उन्हें पंद्रह वर्ष बाद सत्ता से बेदखल किया तो केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में शामिल इन दलों ने अपना गुस्सा नीतीश सरकार पर निकाला और इस प्रदेश के विकास की राह में रोड़े अटकाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रोहतास जिले के सासाराम से बिहार के 25 विधानसभा क्षेत्र के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवारों के पक्ष में आयोजित अपनी पहली चुनावी रैली में संबोधन की शुरुआत भोजपुरी भाषा में की और कहा, "बिहार के स्वाभिमानी और मेहनती भाई-बहन, अन्नदाता मेहनतकश किसान आप सभे के परनाम। हम ई गौरवशाली धरती के हम नमन कर तानी। मां मुंडेश्वरी माता के ई पावन भूमि पर रउआ सब के अभिनंदन कर तानी।" उन्होंने राजद और कांग्रेस पर इशारो-इशारों में निशाना साधा और कहा कि इन लोगों ने अपने पंद्रह वर्ष के कार्यकाल में बिहार को लूटा और उसका मान मर्दन किया। यहां जनता ने उन्हें विश्वास के साथ सत्ता सौंपी थी लेकिन उन्होंने सत्ता को अपनी तिजारी भरने का माध्यम बना लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब बिहार के लोगों ने पंद्रह साल बाद उन्हें सत्ता से बेदखल किया और नीतीश कुमार की अगुवाई में राजग की सरकार बनाई तो ये लोग बौखला गए। उन्हें काफी गुस्सा आया और उनके मन में जहर भर गया। इसके बाद दस साल तक इन लोगों ने केंद्र में संप्रग सरकार में रहते हुए बिहार के लोगों के प्रति अपना गुस्सा बिहार पर निकाला। संप्रग सरकार के माध्यम से इन लोगों ने बिहार के विकास की राह में न केवल रोड़े अटकाए बल्कि पूरी विकास प्रक्रिया को ही बाधित कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मुझे याद है उस समय मैं गुजरात का और नीतीश जी बिहार के मुख्यमंत्री थे। हम केंद्र की तत्कालीन संप्रग सरकार की बैठक में जाते थे तो श्री कुमार बार-बार कहते थे कि बिहार के विकास को मत अटकाइये लेकिन दस साल तक संप्रग सरकार के लोगों ने नीतीश जी को एक काम भी नहीं करने दिया।" उन्होंने वर्ष 2015 में श्री कुमार के जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेतृत्व वाले महागठबंधन सरकार को याद करते हुए कहा कि बाद में बिहार में 18 महीने क्या हुआ यह उन्हें बताने कहने की जरूरत नहीं है। इन 18 महीनों में परिवार ने क्या-क्या किया, कैसे-कैसे खेल किये, कौनी सी बातें अखबारों में छाई रहती थी ये बातें उन्हें बताने की जरूरत नहीं है। यह सब बिहार की जनता से छुपा नहीं है।
प्रधानमंत्री ने राजद पर निशाना साधा और कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस खेल को समझा कि इनके साथ बिहार का भला तो छोड़िए बिहार और पंद्रह साल पीछे चला जएगा तो उन्होंने सत्ता छोड़ दी। उन्होंने कहा, "बिहार की भलाई के लिए हम एक बार फिर नीतीश जी के साथ आए। वर्ष 2014 में प्रधान सेवक बनने के बाद मुझे श्री कुमार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए केवल तीन चार साल का ही मौका मिला है बाकी तो संप्रग के साथ संघर्ष करने में बिहार का समय बीत गया है।" उन्होंने बिहार की जनता को आगाह करते हुए कहा कि इन लोगों को आपकी जरूरतों से कभी सरोकार नहीं रहा। इनका ध्यान केवल अपने स्वार्थों की पूर्ति करने पर और अपने तिजाेरी भरने पर रहा है। यही कारण है कि भोजपुर सहित पूरे बिहार में लंबे समय तक बिजली, सड़क और पानी जैसी मूल सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया। हालत यह थी कि कैमूर में जिस दुर्गावती सिंचाई परियोजना का शिलान्यास बाबू जगजीवन राम ने 70 के दशक में किया था वह इतने वर्षों में भी पूरी नहीं हुई थी। इस काम को राजग सरकार ही पूरा कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजग के सभी घटक दल मिलकर आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बिहार के निर्माण में जुटे हैं। बिहार को अभी मीलों आगे जाना है। बीते वर्षों में बिहार के गरीब, वंचित, दलित, पिछड़े, अतिपिछड़े आदिवासी समाज तक सभी सुविधा पहुंचाने के प्रयास किये गये हैं। गरीबों के लिए इन सुविधाओं को हासिल कर पाना किसी जमाने में बहुत मुश्किल था आज उन्हें वह सब मिल रहा है। आज इन वर्गों के लोगों को अपना पक्का मकान बिना किसी भेदभाव के मिल रहा है, आज वह संपन्न परिवार की तरह रसोई गैस पर खाना पका रहा है , आज उसके घर में भी शौचालय है, उसके बच्चे बिजली में पढ़ाई कर पा रहे हैं, वह बीमार होता है तो उसे पांच लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा है, शुद्ध पानी की व्यवस्था है, जिसे बिहार की बहनों-बेटियों से बेहतर कौन समझ सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी बिहार में राशन लूट लिया जाता था वहां आज गरीबों के घर तक राशन पहुंचाया गया है। गरीब भूखा न सोए, दिवाली और छठ पूजा ठीक से मना सके इसके लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था की गई है। इसी कोरोना के दौरान कारोड़ों गरीब के बैंक खाते में सीधी मदद भेजी गई। मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई। शहरों में रेहड़ी और ठेला चलाने वालों के लिए बैंकों से आसान ऋण सुनिश्चित कराया जा रहा है ताकि वह अपना काम फिर शुरू कर सकें। इन सुविधाओं के साथ-साथ बिहार के सभी वर्गों को अधिक से अधिक अवसर देने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को अगले दस साल के लिए बढ़ा दिया गया है। गरीब सवर्णों को दस प्रतिश्त आराक्षण देने का निर्णय भी उनकी सरकार ने किया है। सरकारी भर्ती प्रक्रिया में जो सुधार किए जा रहे हैं उसका भी लाभ बिहार को मिलना तय है। इस क्षेत्र के युवा प्रवेश परीक्षा के लिए शहर जाते हैं। बार-बार की परीक्षा के कारण युवा का समय, ऊर्जा और धन बर्बाद होता था। अब कॉमन इंट्रेंस टेस्ट होने से युवाओं की परेशानी कम होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजद और कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों पर हमला तेज करते हुए कहा कि अब देश संकट का सामाधान कर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है लेकिन ये लोग देश के हर संकट को और बढ़ा रहे हैं। उनकी सरकार ने किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाने का फैसला लिया तो ये लोग बिचौलिये और दलालों के पक्ष में खुलकर मैदान में आ गए। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तो बहाना है असल में उन्हें तो दलालों को बचाना है। लोकसभा चुनाव से पहले किसानों और गरीबों के खाते में सीधे पैसा देने का फैसला लिया गया तो इन लोगों ने भ्रम फैलाया। लड़ाकू विमान राफेल की खरीद के समय भी ये लोग बिचौलिये की भाषा बोल रहे थे। देश के किसान नौजवान देख रहे हैं कि इनके लिए देश हित नहीं दलालों का हित ज्यादा महत्वपूर्ण है इसलिए जब-जब बिचौलियों पर चौट की जाती हे तब-तब ये लोग तिलमिला जाते हैं, बौखला जाते हैं। आज हालत यह हो गई है कि ये लोग भारत को कमजाेर करने के लिए साजिश करने वालों का साथ देने से भी नहीं हिचकिचा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने का का इंतजार देश वर्षों से कर रहा था। उनकी सरकार ने इसे समाप्त करने का फैसला लिया तो आज ये लोग इस निर्णय को बदलने की बात कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि सत्ता में आए तो इस फैसले काे बदल देंगे। इनका दुस्साहस देखिए इतना कहने के बावजूद बिहार की जनता से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए बिहार अपने बेटे-बेटियों शरहद पर भेजता है लेकिन उन लोगों का ऐसा कहना क्या बिहार का अपमान नहीं है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि ये जिसकी चाहे मदद ले लें, देश अपने फैसले से पीछे नहीं हटेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांवों में जमीन और मकान के स्वामित्व को लेकर होने वाले विवाद और झगड़ों के समाधान के लिए शुरू की गई स्वामित्व योजना का जिक्र करते हुए कहा कि गांवों में बने पुरखों के मकानों पर उन्हें बैेंक से कोई कर्ज भी नहीं मिलता है। गांवों की इस दिक्कत को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत ड्रोन की मदद से गांव के हर घर की मैपिंग कराई जा रही है। सारी कार्रवाई के बाद गांव के लोगों को उनके घर और जमीन का स्वामित्व कार्ड दिया जा रहा है। छह राज्यों में पायलट योजना शुरू हो गई है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के दिन एक लाख लोगों को स्वामित्व कार्ड दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में एक बार फिर राजग की सरकार बनने के बाद इस योजना को यहां भी शुरू किया जाएगा। इस कार्ड पर गांव का नागरिक भी बैंक से आसानी से ऋण ले सकेंगे। यह कार्ड उनके जीवन में नई निश्चिंतता लेकर आएगा।
प्रधानमंत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कहा कि देश की शिक्षा व्यवस्था में बिहार का गौरवशाली स्थान रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रयास होगा कि इंजीनियरिंग और मेडिकल सहित सभी तकनीकी शिक्षा मातृभाषा में दी जाये। इससे गरीब, दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और आदिवासियों के बच्चों का डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना पूरा होगा। उन्होंने कहा कि आज मुद्रा योजना से महिला, गरीब, युवा उद्यमी एवं दुकानदारों को बिना गारंटी के ऋण मिल रहा है। आज छोटे किसानों, मछुआरों और पशुपालकों सभी को किसान क्रेडिट कार्ड दिये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत बिहार के 74 लाख किसान परिवार के खाते में करीब 6000 करोड़ रुपये सीधे जमा कराए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजग सरकार की उपलब्धियां गिनवाते हुए कहा कि कनेक्टिविटी को मजबूत बनाना राजग की डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता रही है। आज बिहार के करीब हर गांव तक सड़कों का निर्माण हो चुका है। राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) का चौड़ीकरण हो रहा है। बिहार की नदियों पर नए और आधुनिक पुल बन रहे हैं। सोन नदी पर ही न जाने कितने दशक से पुल केवल हवा में ही बन रहे थे, आज इस दिशा में पूरी ईमानदारी से काम चल रहा है। सोन नदी पर कोइलवर पुल के समानांतर चार लेन पुल का निर्माण अंतिम चरण में है। बिहार को झारखंड को जोड़ने के लिए भी सोन नदी पर पुल बनाया जा रहा है। यहां नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये जे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में रेल लाइन का दोहरीकरण एवं अन्य काम चल रहे हैं। बक्सर जिले के चौसा में 10 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली विद्युत परियोजना पर काम चल रहा है। कनेक्टविटी में सुधार का लाभ यहां के व्यापारी और कारोबारियों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार गांवों में भंडारण की सुविधा के लिए लाखो रुपये खर्च करने जा रही है। इस क्षेत्र में फूड पार्क जैसी सुविधा विकसित होगी। जितने भी सुधार हुए उनका लक्ष्य गांव के पास अधिक से अधिक कृषि से जुड़े उद्योग लगाने का है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जनता से अपील करते हुए कहा, "बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर राजग की सरकार बनाना जरूरी है। मुझे खुशी है कि बूथ स्तर पर भी राजग के सभी घटक दल भाजपा, जदयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर पूरी ताकत से जुटे हुए हैं, एक दूसरे के साथी बने हुए हैं। इस बार तो मतदताता महिला और बेटियां राजग को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। यह साझा संकल्प हमारी सबसे बड़ी ताकत है।"
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