बंगाल के राज्यपाल ने किसानों के मुद्दे पर ममता सरकार को लिया आड़े हाथ
कोलकाता । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' में भाग नहीं लेकर राज्य के 70 लाख किसानों को 8,400 करोड़ के फायदे से वंचित रखने के कारण मंगलवार को ममता सरकार पर निशाना साधते हुए उसे पत्र लिखा।
धनखड़ ने अपने पत्र में लिखा, "राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 70 लाख से अधिक किसानों को खासकर इस तनाव भरे समय में लाभ से वंचित किया जाना उन्हें आहत कर रहा है। मेरी तरफ से ध्यान दिलाने के बाद भी किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया।"
धनखड़ ने कहा, "यदि पश्चिम बंगाल सरकार ने 70 लाख से अधिक किसानों के लिए समय रहते उचित कदम उठाए होते तो उन्हें अब तक 8,400 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ हो चुका होता। अबतक प्रत्येक किसानों के खाते में बिना किसी मध्यस्थ के प्रतिमाह 1200 रुपये पहुंच गये होते।"
उन्होंने कहा, "किसानों को उनके लाभ से वंचित किए जाने के पीछे कोई तर्क समझ नहीं आ रहा क्योंकि केंद्र सरकार ने किसानों को 100 प्रतिशत लाभ पहुंचाने का काम किया है। इसमें राज्य सरकार कोई वित्तीय बोझ नहीं उठाती है।"
धनखड़ ने कहा, "देश में पश्चिम बंगाल को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के किसानों को प्रधानमंत्री किसान निधि के तहत 92,000 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया जा चुका है। इस योजना के तहत बंगाल को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के किसानों के खाते में 12,000 रुपये की राशि प्रतिमाह भेजी जा चुकी है। हमारे किसानों के साथ हो रहा घोर अन्याय राज्य में शासन व्यवस्था का पूर्णत: प्रतिबिंब है।"
धनखड़ ने कहा, "राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण हमारे किसान केंद्र सरकार द्वारा आवंटित किए गए 3.5 लाख करोड़ के पैकेज का भी लाभ भी नहीं उठा सके।"
उन्होंने कहा, "अगर राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री किसान निधी के संबंध में सकारात्मक रुख अपनाया होता तो हमारे किसानों को 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ हुआ होता।"
उन्होंने कहा, "हमारे किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उनके साथ राज्य सरकार की निष्क्रियता पर तत्काल पुनर्विचार किए जाने की आवश्यकता है।"