कोरोना वैक्सीन के वितरण के लिए भारत को 80 हजार करोड़ रुपये की होगी जरूरत

कोरोना वैक्सीन के वितरण के लिए भारत को 80 हजार करोड़ रुपये की होगी जरूरत

नयी दिल्ली। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला का मानना है कि केंद्र सरकार को अगले साल तक कोरोना वैक्सीन की खरीद और निशुल्क वितरण के लिए 80 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी।

अदार पूनावाला ने ट्वीट करके सरकार से यह सवाल पूछा है कि क्या भारत सरकार के पास अगले साल तक 80,000 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे। क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भारत में सभी के लिए निशुल्क कोरोना वैक्सीन की खरीद और उसके वितरण में इतनी रकम लगेगी। यह अगली चुनौती है, जिसके समाधान की जरूरत है।"अदार पूनावाला ने आगे कहा है ," मैंने यह सवाल पूछा क्योंकि हमें वैक्सीन की खरीद और वितरण हेतु वैक्सीन निर्माताओं के लिए योजना बनाने और निर्देश देने की जरूरत है।"गौरतलब है कि सीरम इंस्टीट्यूट ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिर्टी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन के लिए भारत में दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण कर रहा है। ब्रिटेन में एक वालंटियर की तबीयत खराब हो गयी तो यह परीक्षण कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। सीरम इंस्टीट्यूट भारत में इस वैक्सीन का परीक्षण करने के अलावा इसकी एक अरब डोज भी तैयार करेगा।

इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट नोवावैक्स द्वारा विकसित वैक्सीन के लिए भी अक्टूबर से तीसरे चरण का परीक्षण शुरु करने वाला है। कंपनी इस वैक्सीन की भी एक अरब डोज बनायेगी। सीरम इंस्टीट्यूट साथ ही अपनी कोरोना वैक्सीन भी तैयार कर रही है, जो प्री क्लिनिकल चरण में है।

वार्ता

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