पांच साल की फसल 2020 में काटी
नई दिल्ली। इस लगभग बीतने जा रहे साल में नरेन्द्र मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करें तो यही कह सकते हैं कि पांच साल में मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने जो फसल बोयी थी, उसे भरपूर काटा। इससे अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की एक विश्वनेता की छवि बनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देशों ने अपने यहां के सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किये। पड़ोसी देशों में चीन ने अपने सैनिक पीछे हटाए जो उसके स्वभाव के विपरीत रहा है। नेपाल में जरूर केपी शर्मा ओली ने अपनी सरकार भंग करते समय भारत पर दोषारोपण किया लेकिन बांग्लादेश ने जय जयकार कर दी। पाकिस्तान की तो कमर ही टूट गयी है जबकि श्रीलंका के साथ हमारे संबंध ज्यादा मधुर हुए। देश के अंदर भाजपा ने कांग्रेस से दो राज्यों की सरकार छीन ली। कोरोना जैसी महामारी में भारत ने उतनी तबाही नहीं झेली, जितनी अमेरिका जैसे देश को भुगतनी पड़ी। यही कारण रहा कि भाजपा को ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव, जम्मू कश्मीर के जिला विकास परिषद चुनाव और कांग्रेस शासित राज्यों के भी स्थानीय निकाय चुनाव में उल्लेखनीय सफलता मिली है।
नरेंद्र मोदी 16 मई 2014 को देश की सत्ता पर पहली बार काबिज हुए थे और 30 मई 2019 को दूसरी बार प्रधानमंत्री की ताजपोशी हुई। इस तरह से मोदी सरकार के केंद्र में छह साल पूरे हो गये हैं। पांच साल की अच्छी फसल छठे साल काटने को मिली है। नरेंद्र मोदी ने अपने छह साल के कार्यकाल में जता दिया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति वाली सरकार अपने फैसलों से कैसे राजनीति की दशा-दिशा बदल सकती है। नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों पर गौर करें तो देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ा है। नरेंद्र मोदी सरकार और सेना ने जबरदस्त पराक्रम का प्रदर्शन कर ये दिखा दिया कि भारत की रक्षा शक्ति दुनिया के किसी विकसित देश से कम नहीं है। इसके साथ ही ये भी संदेश दिया कि कड़े फैसले हम भी कर सकते हैं। सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिए ये बता दिया कि भारत पारंपरिक लड़ाई के साथ साथ माडर्न लड़ाई में दुनिया की पेशेवर सेनाओं में से एक है। उरी आंतकी हमले के बाद 28 सितंबर 2016 को दुनिया का आधा हिस्सा सोया रहा था और भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स पाकिस्तान के नापाक मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब दे रही थी। भारतीय कमांडोज पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के लॉन्च पैड्स पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया था। इसके बाद पुलवामा में आतंकी हमला हुआ तो भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2014 को देश की जनता को बैंकिंग से जोड़ने के लिए जन-धन योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत 31.31 करोड़ लोगों के खाते खोले गए। देश में बैंकों ने कैंप लगाकर वंचित लोगों के खाते खोलकर उन्हें बैंकिंग सुविधा से जोड़ने का काम किया था। देश के गरीब भी गैस चूल्हे पर खाना बना सकें, इस मकसद से मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना का आगाज किया था। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों को मुफ्त में गैस सिलेंडर दिया गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 3 करोड़ परिवारों को इस योजना के तहत गैस सिलेंडर दिए गए।
मोदी सरकार ने हर घर को बिजली पहुंचाने के लिए 2017 में सौभाग्य योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया और सरकार का दावा है कि वह हर घर तक बिजली पहुंचाने में सफल रही है। मोदी सरकार के केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक करोड़ घरों के निर्माण लक्ष्य रखा, जिसे 2022 में पूरा किया जाना है। मोदी सरकार की इस योजना का लाभ भी काफी लोगों को मिला। देश के हर शख्स को बेहतर इलाज के लिए मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत गरीब परिवार के हर सदस्य को सरकारी या निजी अस्पताल में सालाना पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त हो सकता है।
भारत में नया गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स और स्वर्ण आरक्षण का मामला लंबे समय से अटका हुआ था। मोदी सरकार ने सत्ता में आने के तीन साल बाद संसद से जीएसटी को पास कराया और यह देश में एक जुलाई 2017 से लागू हो गया। देश में कर सुधार की दिशा में यह सबसे बड़ा कदम था। जीएसटी लागू करने का मकसद एक देश- एक कर (वन नेशन, वन टैक्स) प्रणाली है। जीएसटी लागू होने के बाद उत्पाद की कीमत हर राज्य में एक ही हो गई है और राज्यों को उनके हिस्सा का टैक्स केंद्र सरकार देती है।
स्वर्ण आरक्षण की मांग देश में लंबे समय से हो रही थी, लेकिन किसी भी सरकार ने हाथ नहीं डाला। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के आखिरी समय 2019 के जनवरी में सवर्ण समुदाय को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया। इस स्वर्ण आरक्षण विधेयक को दोनों सदनों से पास कराकर कानूनी अमलीजामा पहना दिया। इसके जरिए सवर्ण समुदाय के लोग सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं।
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे एतिहासिक फैसला जम्मू-कश्मीर को लेकर लिया जो जनसंघ के जमाने से उसकी प्राथमिकता रहा है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने का कदम उठाने के साथ-साथ राज्य को दो हिस्सों में बांटने का काम भी इसी कार्यकाल में हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करने का प्रस्ताव मंजूर किया और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कश्मीर में एक देश, एक विधान और एक निशान लागू हो गया है।
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने बाद दुनिया के तमाम देशों के साथ भारत के संबंध प्रगाढ़ हुए हैं और देश का सिर सम्मान से ऊंचा उठा और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में 50 से ज्यादा देशों का दौरा किया और दूसरे कार्यकाल में भी पीएम मोदी ने करीब 10 देशों का दौरा किया है। पीएम मोदी ने अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में करीब 50 हजार लोगों को संबोधित किया। ऐसे ही इस साल फरवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी के न्यौते पर गुजरात के अहमदाबाद में 'नमस्ते ट्रंप' में शामिल हुए और करीब 1 लाख लोगों को संबोधित किया।सऊदी अरब से लेकर यूएई सहित तमाम इस्लामिक देशों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित भी किया है। इसके अलावा इस्लामिक देशों के साथ भारत के संबंध भी मजबूत हुए हैं, जिसका नतीजा है कि कश्मीर मसले पर दुनिया भर के देशों ने भारत का साथ दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिवर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाने की स्वीकृति दी। इससे दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ा है। मोदी सरकार अब इन्हीं उपलब्धियों को लेकर अगले साल पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा उतरने जा रही है।
हीफी