ईमानदार करदाताओं का योगदान मान्यता के पात्र: सीतारमण
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महामारी के कारण उत्पन्न कठिनाइयों के बावजूद अपने अनुपालन संबंधी दायित्वों का निर्वहन करने के लिए करदाताओं की सराहना करते हुए शनिवार को कहा कि अपने हिस्से के करों का कर्तव्यपूर्वक भुगतान करके देश की प्रगति में भागीदार बनने में ईमानदार करदाताओं का योगदान निश्चित रूप से मान्यता पाने का पात्र है।
सीतारमण ने आयकर दिवस की 161वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयकर विभाग को भेजे अपने संदेश में 2014 के बाद से सरकार द्वारा किए गए सुधारों से जुड़े विभिन्न उपायों को सही भावना के साथ लागू करने में सफल रहने के लिए विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि अपने हिस्से के करों का कर्तव्यपूर्वक भुगतान करके देश की प्रगति में भागीदार बनने में ईमानदार करदाताओं का योगदान निश्चित रूप से मान्यता पाने का पात्र है। उन्होंने अपनी प्रणालियों एवं प्रक्रियाओं को सरल बनाने और विभाग के कामकाज को परेशानी मुक्त, निष्पक्ष एवं पारदर्शी बनाने की दिशा में काम करना जारी रखने के लिए विभाग की प्रशंसा की। उन्होंने इस महामारी के कारण उत्पन्न कठिनाइयों के बावजूद अपने अनुपालन संबंधी दायित्वों का निर्वहन करने के लिए करदाताओं की सराहना की। अपने कर्तव्यों को निभाने के क्रम में इस महामारी से जान गंवाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को याद करते हुए, उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हितों के प्रति उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने अपने संदेश में राजस्व संग्रह और करों से जुड़ी नीतियों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लागू करने की दोहरी भूमिका में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि अधिकांश प्रक्रियाओं और अनुपालन संबंधी जरूरतों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया गया है और करदाताओं के लिए आयकर कार्यालयों का चक्कर लगाने की जरूरत को समाप्त या बहुत कम कर दिया गया है। उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि करदाताओं के साथ पारस्परिक व्यवहार अब स्वैच्छिक अनुपालन पर अधिक निर्भर रहते हुए विश्वास एवं सम्मान की भावना पर आधारित है।
वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने इस मौके पर प्रत्यक्ष करों को प्रशासित करने वाली एजेंसी के रूप में अपनी भूमिका निभाते हुए राष्ट्र की अपार सेवा करने के लिए आयकर विभाग की सराहना की। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि कर महज सरकार के लिए राजस्व का एक स्रोत भर नहीं हैं बल्कि कुछ निश्चित सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करने का एक प्रभावी साधन भी हैं, उन्होंने समय की जरूरतों के अनुरूप खुद को ढालने और मजबूत बनाने में सक्षम साबित होने के लिए विभाग की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विभाग निष्पक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित एक पेशेवर संगठन के
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और देशभर में इसके सभी क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा आज आयकर दिवस की 161वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस क्रम में, कई गतिविधियों का आयोजन किया गया। आयकर विभाग की एकजुटता, क्षमता, सहयोग और रचनात्मक जुड़ाव की भावना को दर्शाने वाली इन गतिविधियों में आईसीएआई की क्षेत्रीय इकाइयों, व्यापार संघों आदि समेत बाहरी हितधारकों के साथ वेबिनार, वृक्षारोपण अभियान, टीकाकरण शिविर, कोविड-19 राहत के लिए काम करने वाले अधिकारियों को प्रशंसा पत्र जारी करना और अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान कोविड-19 से जान गंवाने वाले अधिकारियों / कर्मचारियों के परिवारों के साथ जुड़ना शामिल था।
शेखर
वार्ता