15 वें वित्‍त आयोग ने मध्‍यप्रदेश सरकार के साथ बैठक की

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मध्‍यप्रदेश। 15वें वित्‍त आयोग ने आयोग के अध्‍यक्ष एन.के.सिंह के नेतृत्‍व में अपने सदस्‍यों और वरिष्‍ठ अधिकारियों सहित मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ तथा उनके मंत्रियों और राज्‍य सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक के दौरान आयोग को जानकारी मिली कि देश के सकल घरेलू उत्‍पाद में 2018-19 में राज्‍य का योगदान 4.3 प्रतिशत था। वर्ष 2018-19 में राज्‍य का प्रति व्‍यक्ति एनएसडीपी 90,998 रुपये था, जबकि पूरे भारत में प्रति व्‍यक्ति आय 1,26,406 रुपये थी। आयोग ने यह भी पाया कि राज्‍य 2004-5 से अतिरिक्‍त राजस्‍व कायम रखे हुए है। राज्‍य सरकार द्वारा सौंपे गए विवरण के अनुसार 2017-18 में जीएसटी राजस्‍व में 3,458 करोड़ रुपये की कमी दर्ज की गई। राज्‍य में कृषि, वन और मतस्‍य क्षेत्र में 2011-12 की तुलना में औसत वार्षिक विकास दर 2018-19 में 9 प्रतिशत बढ़ी है। स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा के क्षेत्र में आयोग ने पाया कि राज्‍य के कई स्‍वास्‍थ्‍य संकेतक देशभर के औसत की तुलना में कमजोर रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र में भी कमजोरी देखी गई है।

किसानों की कर्ज माफी के संबंध में आयोग ने पाया कि राज्‍य सरकार दो लाख रुपये तक की किसानों को राहत देने के हवाले से 2018-19 से 50 हजार करोड़ रुपये कर्ज माफी कार्यक्रम चला रही है। आयोग ने पाया कि 2011-12 में मध्‍यप्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे आबादी का प्रतिशत 31.7 प्रतिशत रहा, जबकि भारत का औसत 21.9 प्रतिशत है। 29 राज्‍यों में सतत विकास लक्ष्‍य के हवाले से मध्‍यप्रदेश 21वें स्‍थान पर है।

मध्‍यप्रदेश के लिए वित्‍त आयोग ने सुझाव दिए हैं। इसके तहत कराधान को 42 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का सुझाव दिया गया है, आपदा प्रबंधन के लिए अनुदान का प्रावधान किया जाए। वित्‍तीय प्रबंधन के लिए प्रदर्शन को ध्‍यान में रखा जाए तथा जनजातीय आ‍बादी, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, कृषि इत्‍यादि के लिए 6721.8 करोड़ रुपये के बराबर क्षेत्र-विशेष के अनुदान का प्रावधान किया जाए।

बैठक के पहले आयोग ने भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सहित सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों का आयोग ने संज्ञान लिया।

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