कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आयेगा: नरेन्द्र मोदी
नई दिल्ली। संसद में पारित कृषि क्षेत्र से संबंधित विधेयकों पर विपक्ष तथा किसानों के जबरदस्त विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज एक बार फिर कहा कि इससे कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आयेगा और करोड़ों किसान सशक्त बनेंगे।
कृषि क्षेत्र में सुधार से संबंधित दो विधेयकों को आज राज्यसभा की मंजूरी मिलने पर मोदी ने किसानों को बधाई दी। अपने ट्वीट संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा , " भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है। संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं। यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।"
एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा , "हमारे कृषि क्षेत्र को आधुनिकतम तकनीक की तत्काल जरूरत है, क्योंकि इससे मेहनतकश किसानों को मदद मिलेगी। अब इन बिलों के पास होने से हमारे किसानों की पहुंच भविष्य की टेक्नोलॉजी तक आसान होगी। इससे न केवल उपज बढ़ेगी, बल्कि बेहतर परिणाम सामने आएंगे। यह एक स्वागत योग्य कदम है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट में कहा दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे और उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था। संसद में पारित विधेयकों से अन्नदाताओं को इन सबसे आजादी मिली है। इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को बल मिलेगा और उनकी समृद्धि सुनिश्चित होगी।"
किसानों को फसलों के एमएसपी को लेकर उठाये जा रहे सवालों को बेबुनियाद बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह पहले की तरह जारी रहेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा , " मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे।"
उल्लेखनी है कि राज्यसभा ने रविवार को विपक्ष के भारी हंगामें के बीच कृषि क्षेत्र के दो विधेयकों 'कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020' तथा 'कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार विधेयक 2020' को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। लोकसभा इन दोनों विधेयकों को पहले ही पारित कर चुकी है।
वार्ता