गरीबों को रोजगार दिलाने में आगे आया रेलवे

गरीबों को रोजगार दिलाने में आगे आया रेलवे

नई दिल्ली। कोरोना आपदा के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प-सबका साथ, सबका विकास की राह में बड़ी बाधा आई है। परन्तु विकास कार्यों को जारी रखने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में रेल और वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। अधिकारियों द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर आशा व्यक्त की गई कि उत्तर प्रदेश के दादरी को मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (जेएनपीटी) से जोड़ने वाला पश्चिमी गलियारा और साहनेवाल, लुधियाना (पंजाब) से शुरु होकर पश्चिम बंगाल के दानकुनी में समाप्त होने वाला पूर्वी गलियारा, आगामी वर्ष दिसंबर, 2021 तक पूरे हो जायेंगे।

ध्यान रहे समर्पित फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई सबसे बड़ी रेल अवसंरचना या इन्सफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक है जिसकी कुल लागत 81,459 करोड़ रुपये अनुमानित की गई है। डीएफसीसीआईएल की स्थापना, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की योजना बनाने, विकास करने, वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था करने, निर्माण करने, रखरखाव और संचालन करने के लिए बनाई गयी एक विशेष उद्देश्य कंपनी के रूप में की गई है। पहले चरण में संगठन पश्चिमी डीएफसी (1504 किमी) और पूर्वी डीएफसी (1856 किमी) का निर्माण कर रहा है, जिनकी कुल लंबाई 3360 किमी. है।

गोयल ने कोविड के दौरान लॉकडाउन के चलते समय में हुई हानि की भरपाई के लिए डीएफएफसीआईएल प्रबंधन टीम को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र की पहचान करने और इसके लिए मिशन मोड में समाधान प्रस्तुत करने की सलाह देते हुए सुझाव दिया कि युवाओं को शामिल करने के कदम को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि सर्वोत्तम समाधान प्राप्त किये जा सकें। यह भी निर्णय लिया गया कि सभी ठेकेदारों के काम की सख्त निगरानी की जाए। राज्यों के साथ समन्वय सहित सभी मुद्दों का समाधान मिशन मोड पर किया जाना चाहिए। परियोजना की साप्ताहिक प्रगति की निरंतर निगरानी के लिए नया तंत्र विकसित करने की बात कही गई। लॉक डाउन के चलते लाखों लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया। ऐसे कठिन समय में रेलवे ने जनता की मदद के लिए हाथ बढ़ाया। भारतीय रेलवे ने 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' के अंतर्गत 21 अगस्त, 2020 तक 6,40,000 से भी अधिक कार्य दिवस सृजित किए।

बताया जा रहा है कि ये कार्य दिवस 6 राज्यों-बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बनाए गए। रेल मंत्रालय इन परियोजनाओं की प्रगति और इस योजना के अन्तर्गत इन राज्यों के प्रवासी श्रमिकों के लिए सृजित कार्य अवसरों की से निगरानी कर रहा है। 21 अगस्त, 2020 तक 12,276 श्रमिकों को इस अभियान से जोड़ा गया है और कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं के लिए ठेकेदारों को 1,410.35 करोड़ रुपये की भुगतान राशि जारी की गई है। गरीब कल्याण रोजगार अभियान 6 राज्यों के 116 जिलों में लागू किया जा रहा है। इन राज्यों में लगभग 165 रेल इंन्फ्रास्ट्रक्चर क्रियान्वित की जा रही हैं।

रेलवे ने प्रत्येक जिले के साथ-साथ राज्यों में भी प्रमुख (नोडल) अधिकारी नियुक्त किए हैं, ताकि राज्य सरकार के साथ सही ढंग से समन्वय स्थापित किया जा सके।

रेलवे ने कुछ विशेष कार्यों की पहचान की है जिनपर इस योजना के अंतर्गत काम चल रहा है। ये कार्य रेलवे के समतल क्रॉसिंग के लिए उप-मार्गों के निर्माण और रख-रखाव, रेलवे ट्रैक के किनारे जलमार्गों, खाइयों और नालों का विकास और उनकी साफ-सफाई, रेलवे स्टेशनों के लिए उप-मार्गों का निर्माण और रख-रखाव, रेलवे के मौजूदा किनारों (तटबंधों)/उप-मार्गों की मरम्मत और चैड़ीकरण, रेलवे की जमीन की अंतिम सीमा पर वृक्षारोपण करना के साथ ही मौजूदा किनारों (तटबंधों)/ उप-मार्गों/पुलों के संरक्षण कार्य से जुड़े हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 जून, 2020 को गरीब कल्याण रोजगार अभियान के नाम से बड़े पैमाने पर रोजगार- सह-ग्रामीण सार्वजनिक कार्य अभियान का शुभारम्भ किया। इस अभियान का उद्देश्य कोविड-19 महामारी के चलते बड़ी संख्या में अपने इलाकों/गांवों में लौटे प्रवासी मजदूरों का सशक्तिकरण करना और उन्हें उनके गांव में ही आजीविका के अवसर प्रदान करना है। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत टिकाऊ ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।

जानकारी हो 25 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में चलाया जा रहा है। इसमें 116 जिलों में कार्यों/गतिविधियों के 25 वर्गों का केंद्रित कार्यान्वयन शामिल है। इनमें से प्रत्येक जिला 6 राज्यों-बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा से संबंधित हैं जहां लौटने वाले प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या है। इस अभियान के दौरान आरंभ किए जाने वाले सार्वजनिक कार्यों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय संसाधन (रिसोर्स इन्वेलप) उपलब्ध कराने का दावा किया गया है। गरीब कल्याण रोजगार अभियान रोजगार मुहैया करने के संवर्धन से संबंधित 25 सार्वजनिक अवसंरचना कार्यों के त्वरित कार्यान्वयन के लिए 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों अर्थात- ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पीने का पानी एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, बोर्डर रोड्स, दूरसंचार एवं कृषि के मध्य मिला जुला प्रयास है। (मानवेन्द्र नाथ पंकज-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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