पीएम मोदी ने पंजाब को बताया 'कैप्टन'
नई दिल्ली। देश में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों से निपटने और इससे रोकथाम की रणनीति पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जून को 21 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की। इस दौरान उन्होंने देश में हो रही कोरोना से मौतों पर दुख जताया। साथ ही सभी राज्यों से कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए पंजाब सरकार द्वारा अपनाए गए कदमों की प्रशंसा करते हुए उसे अपनाने के लिए भी कहा। पंजाब सरकार कोरोना से निपटने के लिए घर-घर में सर्विलांस का तरीका अपना रही है। पंजाब सरकार ने इसके लिए एक मोबाइल एप भी जारी किया है। पीएम मोदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब सरकार द्वारा अपनाए गए मॉडल के बारे में पीएम को जानकारी दी। इसके बाद पीएम मोदी ने सभी राज्यों को ऐसी ही रणनीति अपनाने को कहा।
कोरोना को रोकने के लिए अपनाई जा रही नीति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के पहले दिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री को एक ग्रुप बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ मुख्यमंत्री शामिल किए जाएं, जो देश भर में अर्थव्यवस्था व सरकारों पर कोरोना के विनाशकारी प्रभावों पर विचार-विमर्श करते हुए केंद्र व राज्यों के बीच तालमेल स्थापित करें। वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने सभी राज्यों को मिलकर काम करने की अपील की। कैप्टन ने बताया कि सरकार बड़े क्षेत्रों को बंद करने की बजाय छोटे मोहल्लों या गांवों के वार्डों को अलग करने की माइक्रो कंट्रोल रणनीति पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसमें गली -मोहल्ले के स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं। इससे संक्रमण को फैलने से रोकने में कामयाबी मिली है। अधिक जोखिम वाले मरीजों का जल्दी पता लगाने के लिए किसी भी संभावित केस के लिए घर-घर निगरानी की जा रही है। शुगर, टीबी, किडनी रोग, हाईपरटेंशन व दिल के रोग वाले लोगों का पता लगाने और निगरानी के लिए एक विशेष एप लॉन्च की गई है। आशा वर्कर घर-घर जाकर इनकी निगरानी कर रही हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए 'मिशन फतेह वॉरियर' भी शुरू किया है।
कोविड-19 मामलों के ज्यादा फैलाव वाले कंटेनमेंट जोन व माइक्रो कंटेनमेंट जोन की निशानदेही के लिए सिविल सर्जनों के नेतृत्व में जिला तकनीकी कमेटी का गठन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि ऐसे क्षेत्र जहां कोरोना वायरस के पांच या इससे अधिक मामले सामने आए हैं, उनको माइक्रो -कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। कंटेनमेंट व माइक्रो कंटेनमेंट जोन की निशानदेही का फैसला सिविल सर्जन, जिला एपिडेमिओलॉजिस्ट, प्रशासन के एक नोडल अधिकारी, पीएसएम विभाग के एक नोडल अधिकारी, पीएसएम विभाग, मेडिकल कॉलेज के नोडल अधिकारी की कमेटी लेगी।
कैप्टन ने कहा कि जब अप्रैल के शुरू में उन्होंने कहा था कि कोरोना सितंबर तक चलेगा तो कुछ लोगों ने इसे डर फैलाने वाला बयान बताया था। अब माहिर चेतावनी दे रहे हैं कि यह सितंबर के बाद भी जारी रह सकता है। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि राज्य के विभिन्न स्रोतों से आय में करीब 25000 से 30000 करोड़ की कमी आई है। यह नुकसान और बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि दूसरे और तीसरे दर्जे के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में 5000 बेड तैयार हैं। इसके साथ ही कम प्रभावित मरीजों के लिए दर्जा एक के कोविड इलाज केंद्रों में 10 से 15 हजार बेड तैयार किए गए हैं। यदि जरूरत पड़े तो दर्जा एक वाले बेड की संख्या 30 हजार तक बढ़ाई जा सकती है। स्थानीय स्तर के इलाज के लिए पंजाब सरकार निजी अस्पतालों से भागीदारी कर रही है। बैठक के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री से देश भर की अर्थव्यवस्था और सरकारों पर कोविड के विनाशकारी प्रभावों पर चर्चा की।
(नाजनीन-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)