नए भारत के निर्माण में हर दिव्यांग युवा,बच्चे की भागीदारी आवश्यक है : पीएम

प्रयागराज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्यांगजन को प्रोत्साहन और सम्मान राष्ट्रीय वयोश्री योजनान्तर्गत दिव्यांगजन व वरिष्ठ नागरिकों हेतु नि : शुल्क सहायक उपकरण वितरण, सामाजिक अधिकारिता शिविर को संबोधित करते हुए कहा





तीर्थराज, प्रयागराज में आकर हमेशा ही एक अलग पवित्रता और ऊर्जा का एहसास होता है।मुझे याद है, पिछले साल फरवरी में, लगभग यही समय था जब मैं कुंभ के दौरान यहां आया था । आपके प्रधान सेवक के तौर पर, मुझे हजारों दिव्यांग-जनों और बुजुर्गों, वरिष्ठ जनों की सेवा करने का अभी अवसर मिला है।





थोडी देर पहले यहां करीब 27 हज़ार साथियों को उपकरण दिए गए हैं। किसी को ट्रायसाइकिल मिली है, किसी को सुनने की मशीन मिली है, व्हीलचेयर मिली है ।

मैं मानता हूं कि ये उपकरण आपके बुलंद हौसलों के सहयोगी भर हैं। आपकी असली शक्ति तो आपका धैर्य है, आपका सामर्थ्य है, आपका मानस है ।

हमारे यहां कहा जाता है-

स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां. न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः!

यानि सरकार का ये दायित्व है कि हर व्यक्ति का भला हो, हर व्यक्ति को न्याय मिले।यही सोच तो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र का भी आधार है।चाहे वो वरिष्ठ जन हों, दिव्यांगजन हों, आदिवासी हों, दलित-पीड़ित,शोषित,वंचित हों, 130 करोड़ भारतीयों के हितों की रक्षा करना, उनकी सेवा करना, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है ।पहले की सरकारों के समय, इस तरह के कैंप बहुत ही कम लगा करते थे। और इस तरह के मेगा कैंप तो गिनती के होते थे।






प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयागराज एयरपोर्ट पर स्वागत करतीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

बीते 5 साल में हमारी सरकार ने देश के अलग-अलग इलाकों में करीब 9 हजार कैंप लगवाए हैं ।पिछली सरकार के पाँच साल में जहां दिव्यांगजनों को 380 करोड़ रुपए से भी कम के उपकरण बांटे गए, वहीं हमारी सरकार ने 900 करोड़ रुपए से ज्यादा के उपकरण बांटे हैं। यानि करीब-करीब ढाई गुना ।बीते चार-पाँच वर्षों में देश की सैकड़ों इमारतें, 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाई जा चुकी हैं। जो बची हुई हैं, उन्हें भी सुगम्य भारत अभियान से जोड़ा जा रहा है।

ये हमारी ही सरकार है जिसने पहली बार दिव्यांगजनों के अधिकारों को स्पष्ट करने वाला कानून लागू किया। इस कानून का एक बहुत बड़ा लाभ ये हुआ है कि पहले दिव्यांगों की जो 7 अलग-अलग तरह की कैटेगरी होती थी, उसे बढ़ाकर 21 कर दिया गया ।उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले के लिए भी उनका आऱक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।अपने दिव्यांग साथियों का कौशल विकास भी हमारी प्राथमिकता रही है ।



दिव्यांगजन को प्रोत्साहन और सम्मान राष्ट्रीय वयोश्री योजनान्तर्गत दिव्यांगजन व वरिष्ठ नागरिकों हेतु नि : शुल्क सहायक उपकरण वितरण, सामाजिक अधिकारिता शिविर में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्री गण भी उपस्थित थे।

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