कॉलेज की राजनीति से डिप्टी CM पद तक पहुंचे बृजेश पाठक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दोबारा से सत्तारूढ़ हो रही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार में डिप्टी सीएम की शपथ लेने वाले बृजेश पाठक यूनिवर्सिटी की राजनीति से अपना सफर तय करते हुए इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
उत्तर प्रदेश में दोबारा से सत्तारूढ हो रही योगी आदित्यनाथ सरकार में डिप्टी सीएम नियुक्त हुए बृजेश पाठक के जीवन की बात की जाए तो बृजेश पाठक ने अपनी राजनीति की शुरुआत लखनऊ विश्वविद्यालय से की थी। पहले वह लखनऊ विश्वविद्यालय में वर्ष 1989 में हुए चुनाव के दौरान उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वर्ष 1990 में वह छात्र संघ के अध्यक्ष बने, इसके बाद बृजेश पाठक ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। वर्ष 2002 में हुए चुनाव के दौरान वह कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश की मल्लावां विधानसभा चुनाव सीट से इलेक्शन लड़े। लेकिन 130 वोटों के मामूली के अंतर से वह चुनाव हार गए। इसके बाद बृजेश पाठक ने बहुजन समाज पार्टी का रुख किया और उसकी सदस्यता ग्रहण करने के बाद बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और संसद के भीतर पहुंचे। वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा बृजेश पाठक को राज्यसभा में भेजा गया और सदन में पार्टी का मुख्य सचेतक भी बनाया। देशभर में जिस समय वर्ष 2014 में मोदी लहर चल रही थी, उस दौर में वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बृजेश पाठक ने उन्नाव लोकसभा सीट से इलेक्शन लड़ा। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
उत्तर प्रदेश में लगातार भाजपा की मजबूत होती स्थिति को देखते हुए बृजेश पाठक ने वर्ष 2016 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। पार्टी ने उन्हें लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से टिकट दिया, जहां वह समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रविदास मेहरोत्रा को पटखनी देकर विधानसभा में पहुंचे। इस बार बृजेश पाठक लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से जीत कर विधानसभा में पहुंचे हैं। जहां उन्हें संघर्ष के इनाम के रूप में योगी आदित्यनाथ सरकार में डिप्टी सीएम का पद प्राप्त हुआ है।