गांव में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक- प्रशासन ने दिखाए सख्त तेवर

गांव में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक- प्रशासन ने दिखाए सख्त तेवर

गुरुग्राम। विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा के दौरान मेवात के नूंह इलाके में 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद कई ग्राम पंचायतों एवं सरपंचों ने अपने गांव में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए प्रस्ताव पारित किए हैं अथवा इस बाबत चिट्ठी लिखी है। अब हरियाणा सरकार ने ऐसी ग्राम पंचायतों एवं सरपंचों के खिलाफ सख्त तेवर दिखाते हुए उन्हें नोटिस जारी करने शुरू कर दिए हैं। रेवाड़ी के उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने कहा है कि कई ग्राम पंचायतों एवं सरपंचों को उनके संबंधित जिला अफसरों द्वारा हरियाणा ग्राम पंचायती राज अधिनियम की धारा 51 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जो एक सरपंच या पंच को निलंबित करने एवं हटाने से संबंधित है।


रेवाड़ी के उपायुक्त ने बताया है कि हमने ऐसी ग्राम पंचायतों एवं सरपंचों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की है जिन्होंने अपने गांव में मुसलमानों के घुसने पर पाबंदी लगा रखी है। ऐसी ग्राम पंचायतों एवं उनके सरपंचों आदि के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। अब ग्राम पंचायतों एवं सरपंचों को अपना जवाब भेजना होगा, जिसकी जांच की जाएगी और आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। दरअसल नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा की प्रतिक्रिया के स्वरूप रेवाड़ी, झज्जर और महेंद्रगढ़ जिलों में कई ग्राम पंचायत द्वारा 10 अगस्त को मुसलमानों के गांव में प्रवेश के प्रबंध के प्रस्ताव पारित करने की बात सामने आई थी।

इन गांवों के सरपंचों ने दावा किया था कि इस तरह के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करने के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों में सड़क पर रेहडी पटरी लगाने वाले ऐसे विक्रेता जो मुस्लिम समुदाय से संबंधित है, उनके बैकग्राउंड का वेरिफिकेशन करना था। ताकि गांव एवं इलाके में पशु चोरी की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके और किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।

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