बहुरेंगे दिन-यह समुदाय हुआ अब अनुसूचित जनजाति में शामिल
नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह द्वारा पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति यानी एसटी में शामिल किए जाने के एलान के बाद निश्चित ही अब इस समुदाय की हालत में आमूलचूल बदलाव आएगा। पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति यानी एसटी में शामिल किए जाने का रास्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही राज्य से आर्टिकल 370 हटाकर इसके आरक्षण का रास्ता साफ कर चुके थे।
दरअसल गृहमंत्री अमित शाह द्वारा जम्मू कश्मीर में आयोजित की गई रैली में पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति यानी एसटी में शामिल किए जाने का ऐलान किया है। अनुसूचित जाति यानी एसटी ऐसे वर्ग को कहा जाता है जो छुआछूत एवं उत्पीड़न का शिकार है और ऐसे लोगों को समाज की मुख्यधारा से अलग रखा जाता है।
आम बोलचाल में इस समुदाय को दलित या हरिजन भी कहते हैं। वैसे वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जातियों की आबादी तकरीबन 16.6 करोड़ है। यह देश की कुल आबादी का 16 फ़ीसदी है। हर 10 साल में होने वाली जनगणना के दौरान इनकी गिनती की जाती है।
देश के कई राज्य की पिछडे वर्ग की जातिया अनुसचित जाति में शामिल किये जाने की मांग को लेकर मुखर है। लेकिन आरक्षण के लिये निरंतर प्रयासरत इन जातियों को अभी तक आरक्षण का लाभ नही मिल पाया है।जहां तक जातियों को आरक्षण दिये जाने की बात है राजनैतिक दल और सरकार राजनैतिक गुणा भाग के अंर्तगत ऐसी जातियों को ही आरक्षण देने को लालायित रहती है जिनका बडा वोट बैंक हो।