महापौर से शुरू हुआ बेबी रानी मौर्य का सफर कैबिनेट मंत्री तक पहुंचा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दूसरी पारी शुरू कर रही योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाई गई। बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड के राज्यपाल पद को भी सुशोभित कर चुकी है। कभी राज्यपाल के रूप में मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों को शपथ ग्रहण कराने वाली बेबी रानी मौर्य ने आज राज्यपाल के हाथों कैबिनेट मंत्री की शपथ ग्रहण कर अपने संघर्ष ही जीवन की एक झलक आम जनमानस के सामने पेश की है।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ हुई योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाई गई बेबी रानी मौर्य ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत वर्ष 1990 के दशक में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में अपना सफर शुरू करने वाली बेबी रानी मौर्य ने वर्ष 1995 में भाजपा के टिकट पर आगरा नगर निगम का चुनाव लड़ा था और इस में जीत हासिल करने के बाद वह नगर की महापौर चुनी गई थी। आगरा की महापौर बनने वाली वह पहली महिला थी और वर्ष 2000 तक इस पद पर काबिज रही। 1997 में बेबी रानी मौर्य को भाजपा की अनुसूचित जाति शाखा का पदाधिकारी नियुक्त किया गया। उन्हें वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश सामाजिक कल्याण बोर्ड का सदस्य बनाया गया था। बीजेपी ने वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में बेबी रानी मौर्य को एत्मादपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा लेकिन वह बसपा प्रत्याशी नारायण सिंह सुमन के हाथों पराजित हो गई। वर्ष 2013 से 2015 तक भारतीय जनता पार्टी की ओर से सौंपी गई जिम्मेदारियों से बेबी रानी मौर्य ने पूरे मनोबल के साथ संभाला। वर्ष 2018 में उन्हें बाल अधिकार संरक्षण के राज्य आयोग का सदस्य बनाया गया था। वर्ष 2018 की 21 अगस्त को वह उत्तराखंड की राज्यपाल नियुक्त की गई। 26 अगस्त को उत्तराखंड की सातवीं राज्यपाल के रूप में बेबी रानी मौर्य ने शपथ ग्रहण की थी। आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से इस बार जीत हासिल करने वाली बेबी रानी मौर्य को अब योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री पद से नवाजा गया है।