आरक्षण पर विवाद के बाद मोदी सरकार का यू टर्न- लैटरल एंट्री भर्ती रद्द
नई दिल्ली। आरक्षण को लेकर हुए विवाद और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में मची किचकिच के बाद केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की शीर्ष नौकरशाही में 45 पदों पर लैटरल एंट्री के भर्ती वाले विज्ञापन को रद्द कर दिया है।
मंगलवार को आरक्षण पर चल रहे विवाद के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने कदम पीछे की तरफ खींचते हुए देश की शीर्ष नौकरशाही में 45 पदों पर की जाने वाली लैटरल एंट्री भर्ती के विज्ञापन को रद्द करने का ऐलान किया है।।
देश की शीर्ष नौकरशाही में 45 पदों पर लैटरल एंट्री के भर्ती वाले विज्ञापन को लेकर विपक्ष की ओर से जमकर सवाल उठाए जा रहे थे और विपक्ष ने इसे आरक्षण को खत्म करने की केंद्र सरकार की बड़ी कोशिश बताया था। इसके अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल कई दल भी इस लेटरल एंट्री के पक्ष में नहीं थे।
मंगलवार को कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी की अध्यक्ष प्रीति सुदन को चिट्ठी लिखकर इस लेटरल एंट्री भर्ती को रद्द करने को कहा है।
चिट्ठी में जितेंद्र सिंह की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दृढ़ निश्चय है कि संविधान में दिए गए समानता के अधिकार के अंतर्गत ही लैटरल एंट्री वाली भर्ती भी होनी चाहिए। खास तौर पर देश में आरक्षण से कोई छेड़खानी किए जाने की जरूरत नहीं है।