यूपी में इस साल 17 नए मेडिकल कॉलेज- दोगुनी हुई एमबीबीएस सीटें- योगी
महराजगंज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि इस साल प्रदेश को 17 नये मेडिकल कॉलेज की सौगात मिल रही है। इसके साथ ही प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें भी दोगुनी हो चुकी हैं।
महराजगंज में प्रदेश के पहले पीपीपी मोड के केएमसी मेडिकल कॉलेज के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही तराई के जनपदों को लगातार उपेक्षा का दंश झेलना पड़ा। सरकारों के एजेंडे में तराई के क्षेत्र होते ही नहीं थे। मगर अब महराजगंज उपेक्षित नहीं रहा, आज ही यहां 940 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं की सौगात दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी गोरखपुर में पूर्वी यूपी का एक मात्र बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्वयं 'बीमार' हाल में था। मगर आज यह गोरखपुर एम्स से स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2017 में प्रदेश की सत्ता जब संभाली तो यूपी के पास वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं थे, मगर सबके साथ और टीम वर्क के कारण आज परिणाम हर किसी के सामने है।
उन्होंने इस बात पर विशेष तौर पर संतोष जताया कि यूपी में अबतक 5.14 करोड़ गरीबों को आयुष्मान भारत योजना का गोल्डेन कार्ड प्रदान किया जा चुका है। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि यूपी में पहले केवल 18 मेडिकल कॉलेज थे, मगर आज 64 जिलों में मेडिकल कॉलेज बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज केवल स्वास्थ्य सुविधाएं ही नहीं प्रदान करते बल्कि इनके निर्माण से नौकरियों और स्वरोजगार को भी बढ़ावा मिलता है। सीएम ने कहा कि सरकार का पूरा जोर यूपी में नये बन रहे मेडिकल कॉलेजों को अच्छी कनेक्टिविटी से जोड़ने पर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मेडिकल कॉलेज के साथ साथ नर्सिंग और पैरा मेडिकल कॉलेजों का भी युद्धस्तर पर निर्माण हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने आगामी 30 अक्टूबर को भगवान धनवंतरी जयंती का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और आरोग्यता के देवता की जयंती से पहले ही महराजगंज को प्रदेश के पहले पीपीपी मोड के मेडिकल कॉलेज की सौगात मिल रहा है। योगी ने शांति फाउंडेशन के अध्यक्ष और केएमसी मेडिकल कॉलेज के संस्थापक विनय कुमार श्रीवास्तव और उनकी पूरी टीम को धन्यवाद दिया।
उन्होने बताया कि यहां डेढ़ सौ बच्चों का एडमिशन हो चुका है। उन्होंने कहा कि तराई के क्षेत्र आजादी के बाद से लगातार उपेक्षित रहे हैं। शासन की सुविधाओं की स्थिति अत्यंत खराब थी। न बिजली आती थी, न सड़कें अच्छी थीं, चीनी मिलें बंद होती गईं, पेयजल और गंदगी के कारण इन्सेफलाइटिस जैसी बीमारियां यहां की जवानी को निगल जाती थीं, मलेरिया का आतंक था। मगर आज इंसेफलाइटिस की बीमारी पूर्वी यूपी से सदैव के लिए समाप्त हो गई है। अब कोई मासूम दम नहीं तोड़ता। आज महराजगंज उपेक्षित नहीं है।वार्ता