अखबार वितरकों की सरकार ने की बल्ले बल्ले, खाते में डाले इतने हजार

अखबार वितरकों की सरकार ने की बल्ले बल्ले, खाते में डाले इतने हजार

नई दिल्ली। कोविड-19 का नया वेरिएंट जहां लोगों को संक्रमित कर अपना दायरा बढ़ाने में लगा हुआ है, वही उड़ीसा की नवीन पटनायक सरकार लोगों को अभी से राहत पहुंचाने में जुट गई है।प्रदेश के अखबार वितरकों को विशेष कोविड-19 राशि प्रदान किए जाने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने अखबार वितरकों के बैंक खाते में सहायता राशि भी ट्रांसफर की है। इसके अलावा सीएम ने अखबार वितरकों को असंगठित सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल करने की घोषणा करते हुए उन्हें राहत पहुंचाने का काम किया है। मुख्यमंत्री के इस जनहित के कदम का राज्य के तमाम अखबार वितरकों ने स्वागत करते हुए उन्हें धन्यवाद भी दिया है।

मुख्यमंत्री ने राज्य के अखबार वितरकों के खातों में राहत राशि डालने के अवसर पर कहा कि डिजिटल युग में भी अखबार की महत्ता कम नहीं हुई है और हॉकर, अखबार एवं पाठक के बीच का सेतु है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड महामारी में हर वर्ग के साथ अखबार वितरक भी प्रभावति हुए हैं। ऐसे में ओडिशा सरकार ने आज राज्य के अखबार वितरकों को उनका हक प्रदान किया है। अखबार वितरकों को विशेष कोविड सहायता राशि प्रदान करने के साथ ही इन्हें सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल किया गया है। सूचना एघ्वं जनसंपर्क विभाग की तरफ से प्रदेश में पंजीकृत 7300 अखबार वितरकों के खाते में 6 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड सहायता राशि के साथ अखबार वितरकों के लिए दुर्घटना संबन्धित मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए की सहायता राशि के साथ ही स्वभाविक मृत्यु होने पर 1 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। दुर्घटना के कारण पूरी तरह से अक्षम हो जाने वाले हॉकर को डेढ़ लाख रुपए की सहायता सरकार की तरफ से देने की व्यवस्था की गई है। दुर्घटना में आंशिक रूप से घायल अखबार को 80 हजार रुपए और एक अंग गंवाने वाले व्यक्ति को 40 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के कारण आम लोगों की तरह अखबार वितरक भी आर्थिक असुविधा का सामना कर रहे हैं। ऐसे में सभी पंजीकृत हॉकर अर्थात अखबार वितरकों को हमारी सरकार ने यह सहायता राशि देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के राहत कोष से यह सहयाता राशि दी जाएगी। इसके अलावा अखबार वितरक को काम करने में असुविधा ना हो इसके लिए प्रत्येक जिले में वर्कसेड बनाया जाएगा। यह वर्कसेड गृह एवं नगर विकास विभाग की तरफ से तैयार किया जाएगा।




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