दूतावास पर तालिबान का कब्जा-फूंक दी किताबें-राजदूत ने कसा तंज

नई दिल्ली। अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने वाले तालिबान ने काबुल स्थित नार्वे के दूतावास पर भी अपना कब्जा जमा लिया है और वहां पर मौजूद मिली शराब की बोतलें तोड़ते हुए प्रतिष्ठान में रखी किताबों को नष्ट करना शुरू कर दिया है। ईरान में नार्वे के राजदूत ने कहा है कि तालिबान ने अब काबुल में नार्वे के दूतावास को अपने कब्जे में ले लिया है।


अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने की तैयारियों में जुटे तालिबान ने काबुल स्थित नार्वे के दूतावास पर अपना कब्जा जमाते हुए वहां पर रखी मिली शराब की बोतलों को तोड़ना शुरू कर दिया है। तालिबान की ओर से प्रतिष्ठान में रखी मिली किताबें भी नष्ट की जा रही है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईरान में नार्वे के राजदूत सिगवाल्ड हाउगे ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए कहा है कि तालिबान ने काबुल में नार्वे के दूतावास को अब अपने कब्जे में ले लिया है। तालिबान का कहना है कि वह बाद में इस दूतावास को हमें लौटा देंगे, लेकिन उससे पहले वहां पर शराब की बोतले तोड़ी जा रही हैं और बच्चों की किताबों को नष्ट किया जा रहा है। तालिबाने के मुकाबले जाहिर तौर पर बंदूक कम खतरनाक हैं। इससे पहले तालिबान की ओर से कहा गया था कि वह राज्य के भीतर सभी दूतावासों समेत विदेशी देशों के राजनयिक प्रतिष्ठानों में अपना हस्तक्षेप नहीं करेगा। तालिबान अब सरकार में अफगानिस्तान में अपनी सरकार बना रहा है। जिसका नेतृत्व हिबतुल्ला अखुंदजादा करेगा। तालिबान की कट्टरपंथी अंतरिम सरकार में विशेष रुप से नामित वैश्विक आतंकवादी सिराजुद्दीन हक्कानी को कार्यवाहक गृहमंत्री के रूप में शामिल किया गया है। पिछले महीने डेनमार्क और नार्वे ने घोषणा की थी कि वह काबुल में अपने दूतावास बंद कर रहे हैं और अपने कर्मचारियों को वहां से निकाल रहे हैं, क्योंकि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति बहुत ही खराब हो गई है।