कोरोना रोकने के त्वरित व समग्र उपाय
नई दिल्ली। महाविकट स्थिति है। कोरोना की तीसरी लहर के बारे में तो कल्पना करने से डर लगता है लेकिन हालात को रोकना अब हमारे वश में नहीं है। इस बात पर भी बहस करना व्यर्थ है कि ऐसे हालात हमने क्यों आने दिये। अब तो जो भी और जैसे भी हालात हैं, उनका सामना करना होगा। उनसे मुकाबले की तैयारी करनी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना के हालात पर 6 मई को एक बड़ी बैठक की। पीएम मोदी को इस बैठक में देश के हरेक राज्य में कोविड-19 की स्थिति की जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक में दवाइयों की कमी और टीकाकरण को लेकर निर्देश भी दिए।
पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि सभी राज्य कोरोना टीकाकरण की गति में कमी नहीं आने दें। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी जानकारी दी। पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री के समक्ष विभिन्न राज्यों में कोविड प्रकोप की एक विस्तृत तस्वीर प्रस्तुत गई। उन्हें 12 राज्यों में 1 लाख से अधिक सक्रिय मामलों की जानकारी दी गई थी। इसके साथ ही हाई केस लोड वाले जिलों के बारे में पीएम को अवगत कराया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि पीएम को राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के बारे में बताया गया। पीएम ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए जरूरी पहलुओं के बारे में राज्यों को सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए। पीएम मोदी की इस अहम बैठक में कोरोना की रोकथाम के लिए त्वरित और समग्र उपायों को सुनिश्चित करने के उपायों पर भी चर्चा की गई है। यह बात काफी महत्वपूर्ण है। इस समय कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने और वैक्सीन लगवाने की जहां त्वरित जरूरत है, वहीं कोरोना संक्रमितों को जरूरी दवाएं और जरूरत के अनुसार आक्सीजन उपलब्ध कराना भी समग्र उपायों में शामिल करना होगा। इसके साथ ही हमें अभी से तैयारी करनी होगी ताकि कोरोना की तीसरी लहर के समय इस तरह की आपाधापी न मचे जैसी दूसरी लहर के समय मची है। हमारी प्रायोरिटी इस समय स्वास्थ्य होना चाहिए, ठीक उसी तरह जैसे हमने देश की आजादी को प्राथमिकता तय किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना को नियंत्रित करने के त्वरित और समग्र उपायों के बारे में बताया कि राज्यों को ऐसे जिलों की पहचान करने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई थी, जहां केस पॉजिटिविटी 10 फीसदी या उससे अधिक है और ऑक्सीजन सपोर्टेड या आईसीयू बेड 60प्रतिशत से ज्यादा भरे हुए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच जरूरी मदद हर स्घ्थान तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। कोरोना हमले के पहले चरण में वैक्सीन नहीं थी। अब दूसरे चरण में हमारे ही देश में दो वैक्सीन बन गयीं और सफलतापूर्वक लगायी जा रही हैं। इसबीच वैक्सीन की कमी महसूस की गयी क्योंकि वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों को कच्चे माल की आपूर्ति रोक दी गयी थी। इस बात को लेकर अमेरिका में सांसदों ने राष्ट्पति जो बाइडन की आलोचना की। अमेरिका ने न केवल कच्चे माल की आपूर्ति बहाल कर दी बल्कि कोरोना का इंजेक्शन् स ऑक्सीजन न वेंटीलेटर भी भारत के लिए भेजे। इसी प्रकार अन्य देशों ने भी मदद पहुंचाई है। अब जरूरत है इसे जरूरतमंदों तक पहुंचाने की। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने जानकारी दी है कि वो पूरे देश में कोरोना वायरस संक्रमण की वैक्सीन ऑक्सीजन और अन्य जरूरी संसाधन जल्द और सुरक्षित रूप में पहुंचाने का कार्य सुचारू रूप से कर रही है ताकि देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से लड़ा जा सके। अपनी सह कंपनी एएआई कार्गो लोजिस्टिक्स एंड एलाइड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड (एएआईसीएलएएस) के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन की डोज, ऑक्सीजन कंटेनर और अन्य मेडिकल उपकरण को पूरे देश में सुरक्षित और जल्घ्द पहुंचाने में जुटी है ताकि अस्पतालों तक यह समय पर पहुंच सकें और टीकाकरण अभियान चलता रहे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एएआई के कार्गो टर्मिनल का इस्तेमाल कोरोना वैक्सीन और अन्य जरूरी सामान को रखने, प्रोसेज करने और उन्हें भेजने के लिए किया जा रहा है। एएआई के अनुसार अब तक उसके द्वारा करीब 9.5 करोड़ वैक्घ्सीन डोज भेजी जा चुकी है। एएआईसीएलएएस के साथ मिलकर भारतीय वायुसेना और ब्यूरों ऑफ सिविल एविएशन सिक्युरिटी (बीसीएएस) से विचार विमर्श करने के बाद वैक्सीन को पूरे देश में पहुंचाया जा रहा है। एएआई ने जानकारी दी है कि अब तक 2,81,000 किलोग्राम वजनी कोरोना वायरस वैक्सीन को घरेलू एयरलाइंस की 400 उड़ानों के जरिये 40 एयरपोर्ट पर भेजा गया है।
देश में कोरोना की रफ्तार पूरी तरह से बेकाबू हो गई है। लगातार दूसरे दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्घ्या ने 4 लाख के आंकड़े को पार किया है, जबकि अब तक देश में तीन बार ऐसा हुआ है जब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्घ्या 4 लाख से अधिक हुई है। पिछले 24 घंटे के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो देश में कोरोना के 4 लाख 14 हजार 182 मामले सामने आए हैं जबकि इस दौरान 3,920 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। गत 5 मई की बात करें तो देश में कोरोना के 4 लाख 12 हजार 262 पॉजिटिव केस सामने आए थे, जबकि 3,980 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। सभी राज्यों में इसका प्रकोप अभी बढ ही रहा है। महाराष्ट् में एक बार फिर कोरोना का ग्राफ ऊपर चढ़ने लगा है। बीती 6 मई को कोविड-19 के 62,194 नए मामले सामने आए जबकि 853 मरीजों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक नए मामले सामने आने के बाद अब तक 73,515 मरीजों की जान चली गई है जबकि संक्रमितों की कुल संख्या 49,42,736 हो गई है। एक दिन पहले की तुलना में कोविड-19 के 4554 अधिक नए मामले सामने आए जबकि 67 कम मरीजों ने जान गंवाई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 6 मई को बताया कि नए मामले सामने आने के बाद कोविड-19 के कुल मामले बढ़कर 2,14,91, 592 हो गए हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना से होने वाली मौत के बाद देश में कोरोना महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 2,34,088 से अधिक हो गई है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच इस महामारी से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे में 3 लाख 28 हजार 141 कोरोना मरीजों ने कोरोना की जंग जीत ली है।
बिहार में भी इसबार कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे के दौरान 90 और व्यक्तियों की मौत हो जाने से इस बीमारी से अब तक मरने वालों की संख्या 6मई को 3,077 हो गई। बिहार में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के जो 15,126 नए मामले सामने आए हैं, उनमें प्रदेश की राजधानी पटना में सबसे अधिक 3,665 मामले सामने आए। पिछले साल कोरोना महामारी की शुरूआत होने से लेकर अब तक बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या 5,53,803 हो गई है, जिनमें से 4,35,574 मरीज ठीक हो चुके हैं। राहत यह कि पिछले 24 घंटे में 13,364 मरीज ठीक हुए हैं।
इसलिए हमें अपने प्रयासों को लेकर निराश होने की जरूरत नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस त्वरित और समग्र इलाज की जरूरत बतायी है, उसके लिए राज्य सरकारों, समाज सेवियों और नौकरशाही को सतर्कता और भेदभावरहित होकर काम करना होगा। इसप्रकार सभी का वैक्सिनेशन भी हो जाएगा और जरूरतमंदों को इंजेक्शन्, ऑक्सीजन और वेन्टीलेटर भी मिल सकेगा। (हिफी)