टीकाकरण को लेकर राजनीति न करे विपक्ष : मंडाविया
नयी दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोविड-19 टीकाकरण के मामले में विपक्ष से राजनीति न करने और टीकाकरण में सहयोग की अपील की।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान राज्य सरकारों को टीकों के आयात में सहयोग और महाराष्ट्र में टीके की कमी से जुड़े एक पूरक प्रश्न के उत्तर में मंडाविया ने विपक्षी दलों पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुये कहा राज्य सरकारों को पता था कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दो कंपनियों के बीच या दो सरकारों के बीच कैसे बात होती है।
उन्होंने कहा "मुद्दा यह नहीं है। मुद्दा राजनीति का है। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिये। हमारा मकसद है, हर किसी का लक्ष्य है कि 18 साल से अधिक उम्र के देश के शत-प्रतिशत नागरिक को टीका लगना चाहिये। इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिये । यह राजनीति का अवसर नहीं है।"
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अग्राह किया कि सब लोग साथ मिलकर टीकाकरण में सहयोग करें। जहाँ टीकाकरण केंद्र चालू हो वहाँ जायें, उसको प्रोत्साहित करें। जो भ्रम फैला रहे हैं उनको जवाब दें, जो टीका नहीं लगा रहे हैं उनसे मिलकर टीका लगाने के लिए प्रोत्साहित करें।
शिवसेना के राहुल शेवाले के प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं 20 बार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की और उनके सुझावों के आधार पर समय-समय पर टीकाकरण की कार्ययोजना बदली। सबसे पहले राज्य सरकारों ने कहा था कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और उन्हें भी टीका खरीदने की अनुमति देनी चाहिये। इसलिए केंद्र सरकार ने राज्यों और निजी क्षेत्र को 25-25 प्रतिशत टीके खरीदने की अनुमति दी जबकि केंद्र सरकार को 50 प्रतिशत टीका खरीदना था। प्रधानमंत्री ने राज्यों को टीके के आयात में भी मदद का आवश्वासन दिया था।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि टीका बनाने वाली कंपनियाँ सीमित थीं। दो कंपनी भारत की सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक थी। अभी मोडेर्ना ने देश में पंजीकरण कराया है। जॉनसन एंड जॉनसन ने भारतीय कंपनी बायोलॉजिकल ई के साथ समझौता कर लिया है और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का काम चल रहा है। इसके अलाव फाइजर के साथ भारत सरकार आज भी बात कर रही है, तब भी कर रही थी। लेकिन इस कंपनी ने कह दिया था कि वह भारत सरकार से बात कर रही है और राज्यों से बात नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि आज भी सबसे ज्यादा टीका बनाने की क्षमता देश में है। यह क्षमता और बढ़ेगी। हम लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्रियों और टीका बनाने वाली कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक में एक मुद्दा निकला की राज्यों को टीका नहीं मिला रहा है तो केंद्र सरकार 21 जुलाई को नयी नीति लेकर आई कि वह स्वयं सभी नागरिकों को नि:शुल्क टीका उपलब्ध करायेगी।
वार्ता