आफत पे आफत-कोरोना से ठीक होने वालों पर अब टीबी का कहर

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण पर प्राप्त कर लिए गए नियंत्रण के बाद भी लोगों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। कोविड-19 से पूरी तरह ठीक हो चुके मरीज अब तपेदिक की बीमारी का शिकार हो रहे हैं। कर्नाटक में अभी तक तकरीबन 23 से 25 ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं। जिसके चलते अतिरिक्त एहतियात के तौर पर सरकार की ओर से कोरोना के संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हुए लोगों में टीबी के लक्षणों की जांच शुरू कर दी है।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के सुधाकर ने बताया है कि अब तक राज्य में तकरीबन 23 से 25 ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें कोविड-19 से पूरी तरह ठीक हो चुके मरीज अब तपेदिक का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 28 लाख से अधिक लोगों के कोरोना से स्वस्थ होने की सूचना मिली है। चूंकि कोरोना वायरस और टीबी दोनों फेफड़ों को प्रभावित करते हैं, इसलिए टीबी का जल्द पता लगाने में मदद के लिए सरकार की ओर से एक विशेष अभियान शुरू किया गया है। डा. के सुधाकर ने कहा कि जो लोग कोविड -19 से उबर चुके हैं, उन्हें स्वेच्छा से अपनी टीबी जांच करवानी चाहिए। यदि प्रारंभिक अवस्था में टीबी होने का पता चल जाता है तो इलाज आसान हो जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान कहा कि भारत में पिछले वर्ष की तुलना में 2020 में टीबी के मामलों में 25 फीसदी की गिरावट देखी गई है। सदन में मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में जनवरी और दिसंबर 2020 के बीच 18 लाख टीबी के मामले दर्ज किए गए, जबकि एक साल पहले यह संख्या 24 लाख थी।