अब हवाई यात्रा पर भी महंगाई की मार- 16 फीसदी बढ़ाया किराया
नई दिल्ली। पिछले 1 वर्ष में महंगाई की मार ने जनता आम जनता की कमर तोड़ दी है। आम आदमी को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है। हर चीज के मूल्यों में लगभग वृद्धि हो रही है। ऐसे में आम जनता को राहत मिले तो कैसे। कभी-कभी तो लगता है सरकार का भी महंगाई पर नियंत्रण नहीं है। अब आप सरसों के तेल को ही ले लीजिए पिछले एक साल में ही दाम लगभग दोगुने हो चुके हैं। पिछले 1 वर्ष की बात करें तो सरसों के तेल के दामों में भी निरंतर वृद्धि हुई है। सरसों के तेल से अलग अगर बात की जाए तो आप पेट्रोल-डीजल के मूल्यों को भी देख सकते हैं। पेट्रोल और डीजल के मूल्य में भी निरंतर बढ़ोतरी जारी है।
हालांकि जब देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे, उस समय भी मूल्य में वृद्धि जारी थी। मगर देश की जनता ने जब पेट्रोल डीजल को लेकर सोशल मीडिया से लेकर विभिन्न माध्यमों से सरकार को चेताया तो सरकार की आंखें खुल गई। उसे अपनी कुर्सी का डर सताने लगा। उस समय पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि बिल्कुल रुक गई।जैसे ही विधानसभा के चुनाव खत्म होते ही फिर से पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि होती चली गई। विधानसभा चुनाव के समय पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि प्रयोग है या संयोग यह आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं।
अब देश के केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक हवाई यात्रा में 13 से 16 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी होगी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुताबिक 40 मिनट की दूरी वाले विमानों के लिए किराए की निचली सीमा 2300 रुपये से बढ़ाकर 2600 रुपये कर दी गई है। वहीं 40 से 60 मिनट की यात्रा वाली फ्लाइट के किराए की निचली सीमा 2900 रुपये की जगह अब 3300 रुपये प्रति व्यक्ति कर दी गई है। कोरोना संकट के बीच आम लोगों की जेबों पर डाका डालने वाला यह सरकार का अहम फैसला है। आम जनता जहां सरकार से आस लगाती है कि महंगाई से कुछ छुटकारा मिलेगा मगर होता उसका उल्टा ही है। सरकार आपदा में भी अवसर की तलाश में नजर आने लगी है।
विदित हो कि साल 2021 के फरवरी महीने में रेल मंत्रालय ने लोकल ट्रेन के किराए में भी वृद्धि की थी। पहले 20 किलोमीटर का किराया 10 रुपये हुआ करता था। अब उसी सफर को तय करने के लिए 30 रुपये लेने का फैसला लिया गया था।