NGO द्वारा एकत्रित किए जाने की जांच- दो अधिकारी निलंबित

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नयी दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) क्षेत्र में एक निजी संस्था द्वारा मतदाताओं के डेटा का संग्रह किए जाने की मामले में कर्नाटक के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकार (सीईओ) को संबंधित मतदाता सूची में काटे और जोड़े गए सभी नामों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

आयोग ने बीबीएमपी (मध्य) और बेंगलुरु (शहरी) के प्रभारी अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) के निलंबन के आदेश भी दिए हैं। यहां निर्वाचन आयोग की शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार आयोग ने इस मामले में तीन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों - 162 (शिवाजीनगर), 169 (चिकपेट) और 174 (महादेवपुर) की मतदाता सूचियों की संक्षिप्त समीक्षा के तहतदावों और आपत्तियों के लिए निर्धारित अवधि 15 दिन बढ़ा कर 24 दिसंबर तक कर दी है।

बयान के मुताबिक इन तीनों सीटों के प्रभारी अतिरिक्त डीईओ बीबीएमपी (केंद्रीय) और बेंगलुरु शहरी जो के विरुद्ध विभागीय जांच बीबीएमपी के बाहर के अधिकारियों से कराई जाएगी।

आयोग ने अधिकारियों को मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है और यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन सूचियों का अवैध रूप से उपयोग न करें।

विज्ञप्ति के अनुसार आयोग को 17 नवंबर को मीडिया की रपटों से जानकारी मिली थी कि बेंगलुरु शहर में मतदाता डेटा एकत्र करने का काम गैर सरकारी संगठन कर रहा है और यह काम मतदाता जागरूकता के नाम पर घर-घर सर्वेक्षण के माध्यम से किया जा रहा है।

आयोग को राजनीतिक दलों से भी इस बारे में शिकायतें मिलीं थी। इस मामले में दो प्राथमिक रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर पुलिस की जांच भी चल रही है। क्षेत्रीय आयुक्त (बेंगलुरु)अमलन बिस्वास द्वारा एक प्रशासनिक जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

वार्ता

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