पेगासस मामले की जांच संबंधी याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की उस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगा जिसमें कथित रूप से विपक्षी नेताओं, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और न्यायाधीशों की जासूसी से संबंधित पेगासस मामले की विशेष जांच की मांग की गयी है।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन के समक्ष पेश सबंधित तीसरी याचिका की पैरवी शुक्रवार को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने की। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न केवल देश में, बल्कि विश्व भर में स्पाइवेयर के व्यापक परिणामों की ओर संकेत करते हुए कहा कि यह मामला अत्यावश्यक और यह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है।
न्यायमूर्ति रमन ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के अनुरोध पर कहा कि अगले सप्ताह इस मामले की सुनवाई की जायेगी।
याचिका में कहा गया है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल की सुरक्षा प्रयोगशाला द्वारा निगरानी के लिए लक्षित व्यक्तियों के कई मोबाइल फोन के फोरेंसिक विश्लेषण ने पेगासस से प्रेरित सुरक्षा उल्लंघनों की पुष्टि की है। याचिका में केंद्र को यह बताने का निर्देश देने की भी मांग की गई है कि क्या सरकार या उसकी किसी एजेंसी ने पेगासस स्पाइवेयर के लिए लाइसेंस प्राप्त किया है अथवा किसी भी तरह से निगरानी करने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसका इस्तेमाल किया है।
याचिका में कहा गया है कि निगरानी केवल सार्वजनिक आपातकाल के मामलों में अथवा सार्वजनिक सुरक्षा के हित में उचित है और ऐसी स्थितियों के अस्तित्व को उचित रूप से अनुमानित किया जाना चाहिए। इसे केवल सरकार के आकलन पर निर्धारित नहीं किया जा सकता है। मौजूदा मामले में इनमें से कोई भी अनिवार्य शर्त पूरी नहीं की गयी है, इसके मद्देनजर पूरी जासूसी गैर कानूनी है।
वार्ता